संसद की कार्रवाई के दौरान हाल ही में रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने नई ट्रेनों की मांग की है। ये ट्रेनें तेलंगाना, मध्यप्रदेश और राजस्थान के लिए मांगी गई हैं। सांसद अग्रवाल ने बताया कि केंद्रीय रेल मंत्री से जबलपुर, इंदौर, हैदराबाद, जयपुर की ट्रेन रायपुर से चलाने की मांग की गई है। हालांकि अभी इसे मंजूरी नहीं मिली है।
दरअसल संसद में बृजमोहन ने छत्तीसगढ़ में रेलवे की 2,731 किलोमीटर लंबाई की 25 परियोजनाओं पर सवाल किया था। जवाब में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में बताया था कि 37,018 करोड़ रुपए की कार्ययोजना है इसका निर्माण प्रक्रिया में है, जिनमें से 882 किलोमीटर कार्य पूरे हो चुके हैं।
संसद में छत्तीसगढ़ के रेलवे प्रोजेक्ट पर जवाब
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि, 2009-14 की तुलना में 2014-24 के दौरान नई रेल पटरियों की कमीशनिंग 15 गुना बढ़ी है।
2009-14 में सिर्फ 32 किलोमीटर रेल लाइन बिछाई गई थी, जबकि 2014-24 में 999 किलोमीटर रेल लाइन चालू की गई।
रेलवे बजट आवंटन भी 2009-14 में 311 करोड़ रुपए प्रति वर्ष से 2024-25 में बढ़कर 6922 करोड़ रुपए हो गया है, जो 22 गुना ज्यादा है।
भारत सरकार के रेल बजट में छत्तीसगढ़ को इस बार 6925 करोड़ रुपए मिले हैं। यह राशि छत्तीसगढ़ में ट्रेनों की संख्या बढ़ाने, रेल लाइन को दोहरा करने, अलग-अलग जगह पर पुल बनाने में खर्च होगी।
प्रोजेक्ट के अटकने की वजह भी बताई
सांसद बृजमोहन अग्रवाल के सवाल पर मंत्री ने बताया कि रेलवे के प्रोजेक्ट अटके हैं इसकी वजह भूमि अधिग्रहण, वन स्वीकृतियां, राज्य सरकार की लागत भागीदारी, कानूनी और जलवायु परिस्थितियों जैसी बाधाएं हैं।
रेलवे मंत्रालय द्वारा परियोजनाओं की प्राथमिकता तय करने, बजट आवंटन बढ़ाने, निगरानी तेज करने और राज्य सरकारों के साथ समन्वय स्थापित करने जैसे कदम उठाए गए हैं।
नई रेलगाड़ियों की मांग और जवाब अग्रवाल ने रायपुर से जबलपुर, इंदौर, हैदराबाद और जयपुर के लिए नई रेलगाड़ियों की मांग की है। इस पर रेल मंत्री ने बताया कि नई रेलगाड़ियों का संचालन यात्रियों की मांग, परिचालन संभव और नेटवर्क की जरूरतों के आधार पर किया जाता है।
उन्होंने जानकारी दी कि पिछले 5 साल में छत्तीसगढ़ से 8 नई गाड़ियां शुरू की गईं और 8 सेवाओं का विस्तार किया गया। रेलवे द्वारा यात्री आवश्यकताओं और परिचालन संभावनाओं को देखते हुए लगातार नई रेल सेवाओं की समीक्षा की जाती है।