दिल्ली हाईकोर्ट ने उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने से संबंधित कथित भ्रामक, सनसनीखेज शीर्षकों को प्रसारित करने से मीडिया को रोकने का निर्देश देने की मांग की गई थी. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता श्रीकांत प्रसाद को फटकार लगाते हुए उन पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.
कोर्ट में याचिकाकर्ता ने कहा था कि अरविंद केजरीवाल को जेल से सरकार चलाने के लिए उचित व्यवस्था की जाना चाहिए. इसके साथ ही कहा था कि अरविंद केजरीवाल से इस्तीफे की मांग वाली खबरों पर रोक लगे. याचिका में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने से संबंधित कथित भ्रामक, सनसनीखेज शीर्षकों को प्रसारित करने से मीडिया को रोकने का निर्देश देने की भी मांग की गई थी.
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
पेशे से वकील श्रीकांत प्रसाद नामक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका में कहा गया था कि ना तो भारत का संविधान और न ही कोई कानून मुख्यमंत्री/प्रधानमंत्री सहित किसी भी मंत्री को न्यायिक हिरासत में रहकर जेल परिसर से सरकार चलाने से रोकता है. इसलिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जेल से सरकार चलाने के लिए कोर्ट को व्यवस्था बनाने की बात कही थी. अब हाई कोर्ट ने इस जनहित याचिका पर नाराजगी जताते हुए याचिकाकर्ता को एक लाख रूपए जुर्माना भरने का आदेश दिया है.
बता दें, केजरीवाल को 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय ने उत्पाद नीति मामले को लेकर गिरफ्तार किया था. ईडी ने आरोप लगाया कि AAP कथित शराब घोटाले में उत्पन्न अपराध की आय का प्रमुख लाभार्थी है.