दलाई लामा को भारत रत्न देने की मांग, बीजेपी MP ने सम्मान के लिए बताई ये वजहें

बीजेपी सांसद तापिर गाओ ने लोकसभा में दलाई लामा को भारत रत्न दिए जाने की मांग की है. बुधवार को शून्यकाल के दौरान अरुणाचल पूर्व से सांसद ने कहा कि भारत सरकार को दलाई लामा की संस्था को मान्यता देनी चाहिए. साथ ही उनको भारत रत्न दिए जाने की भी मांग की.

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बीजेपी सांसद ने कहा, दलाई लामा की संस्था आज सवालों के घेरे में है. आज, 14वें दलाई लामा 91 वर्ष के हो गए हैं. उसके बाद, नालंदा तिब्बती बौद्ध धर्म में पुनर्जन्म की धार्मिक प्रथा प्रचलित हो गई. लेकिन चीन में, कम्युनिस्ट पार्टी ने इसमें हस्तक्षेप किया है. गाओ ने हा, “कम्युनिस्ट पार्टी ने यह कहते हुए हस्तक्षेप किया है कि 15वें दलाई लामा को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा अनुमोदित और मान्यता दी जाएगी. आज इस मामले पर प्रश्नचिह्न लगा हुआ है.

सम्मान की क्या वजह बताई?

बीजेपी सांसद तापिर गाओ ने यह भी कहा कि दलाई लामा न सिर्फ तिब्बतियों के आध्यात्मिक नेता हैं, बल्कि वे दुनिया भर के बौद्धों के भी आध्यात्मिक नेता हैं. गाओ ने कहा, दलाई लामा शांति और अहिंसा के दूत हैं. इसीलिए मैं भारत सरकार से अनुरोध करता हू कि अहिंसा की भूमि भारत को दलाई लामा को विश्व सेवा के लिए भारत रत्न से सम्मानित करके उन्हें मान्यता देनी चाहिए.

चीन को लेकर क्या कहा?

इससे 15वें दलाई लामा को नामित करने के चीन के अनुचित दावे के खिलाफ एक कड़ा संदेश जाएगा. चीन का हस्तक्षेप न सिर्फ सदियों पुरानी आध्यात्मिक परंपरा चयन प्रणाली को नष्ट करेगा, बल्कि बौद्ध धर्म को भी नष्ट कर देगा.

पहले भी की थी सांसद ने मांग

बीजेपी नेता ने कहा कि अगर चीन अगले दलाई लामा को चुनता है तो इसका पूरे भारत पर असर पड़ेगा. उन्होंने कहा, अरुणाचल प्रदेश के वालोंग से लेकर जम्मू-कश्मीर तक – पूरा हिमालयी क्षेत्र इस फैसले से प्रभावित होगा. तिब्बत के लिए अखिल भारतीय संसदीय मंच के सह-संयोजक गाओ ने पहले भी मांग की थी कि भारत दलाई लामा की संस्था को मान्यता दे. पिछले साल भी उन्होंने लोकसभा में अपने भाषण के दौरान यही मांग रखी थी.

गाओ ने कहा कि मंच, जिसमें बीजेपी, कांग्रेस और अन्य दलों के सांसद शामिल हैं, उस ने दलाई लामा को भारत रत्न दिए जाने की मांग के समर्थन में 80 से ज़्यादा हस्ताक्षर किए हैं.

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