बिहार सरकार के जाति आधारित सर्वेक्षण के निष्कर्षों को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) रविवार को राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगा. विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि वह पटना में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे और बिहार के सभी 38 जिलों में इसी तरह के विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे.
तेजस्वी यादव ने कहा कि यह मांग लंबे समय से चली आ रही है और उनकी पार्टी ने इसी मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था. उन्होंने कहा कि पार्टी सुनवाई के दिन सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखेगी. इस मांग पर चुप्पी के लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए तेजस्वी ने कहा,’केंद्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के बावजूद जेडीयू और नीतीश को इसकी कोई परवाह नहीं है.’
#WATCH | Patna, Bihar: RJD leader Tejashwi Yadav says, "We had mentioned this earlier too. Our Government had provided 65% reservation for OBC, SC and ST, we had mentioned about including it in under Schedule 9. The matter is sub-judice. We knew that the BJP didn't want it. It… pic.twitter.com/mWZPKRK0WE
— ANI (@ANI) August 31, 2024
बैठक में JDU ने की थी जातिगत सर्वे की मांग
बता दें कि हाल ही में OBC कल्याण पर संसदीय समिति की बैठक हुई थी, जिसमें INDIA गठबंधन के दलों और NDA सहयोगियों ने जातिगत जनगणना को लेकर अपनी मांगों को मजबूती से उठाया था. सूत्रों के अनुसार इस बैठक में JDU ने विशेष रूप से जातिगत जनगणना कराने की मांग की थी और OBC के लिए क्रीमी लेयर की सीमा को मौजूदा सीमा से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने का प्रस्ताव रखा था. JDU ने कहा था कि वर्तमान में क्रीमी लेयर की सीमा OBC वर्ग के लिए पर्याप्त नहीं है, और इसे बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें.
OBC के खाली पदों को भरने पर दिया जोर
बैठक में INDIA गठबंधन के दलों ने भी जातिगत जनगणना की आवश्यकता पर जोर दिया था. उन्होंने समिति के अध्यक्ष से अनुरोध किया था कि वे गृह मंत्रालय को एक सिफारिशी पत्र भेजें, जिसमें देश में जातिगत जनगणना कराने की मांग की जाए. बैठक में OBC के लिए खाली पदों को भरने और आरक्षण लागू करने की भी मांग की गई थी. केंद्रीय विश्वविद्यालयों में OBC की खाली सीटों को तत्काल भरने और अस्थायी पदों (Adhoc posts) में भी आरक्षण को लागू करने की मांग प्रमुखता से उठाई गई थी.