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हैवान बेटा! पिता को मारा, रस्सी से घोंटता रहा गला; छोड़ने के लिए मां करती रही मिन्नतें

मध्य प्रदेश के सागर जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. यहां एक बेटे ने अपने ही पिता की बेरहमी से पिटाई की. बेटे ने न सिर्फ मारा-पीटा, बल्कि रस्सी से गला घोंटने की कोशिश की. पीड़ित पिता किसी तरह खुद को बचाने की कोशिश करता रहा, लेकिन बेटा उसे बेरहमी से पीटता रहा. इस दौरान मां बेटे से मिन्नतें करती रही, गिड़गिड़ाती रही, लेकिन बेटा नहीं रुका. परिजनों ने किसी तरह बीच-बचाव कर पिता को बचाया. इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है. पीड़ित पिता ने मामले की की शिकायत बंडा थाने में दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई.

दरअसल, यह पूरी घटना बंडा थाना क्षेत्र के जमुनिया गांव के वार्ड नंबर-4 की है. मुन्ना सिंह लोधी पेशे से ड्राइवर हैं. रविवार की दोपहर उनका बेटा संजय सिंह अचानक घर आया और कमरे का दरवाजा खुलवाने के लिए जोर-जोर से लात मारने लगा. जब दरवाजा नहीं खुला तो वह गाली-गलौज करने लगा. पिता मुन्ना सिंह ने उसे गालियां देने से रोका, लेकिन यह बात संजय को नागवार गुजरी और उसने अपने ही पिता के साथ मारपीट शुरू कर दी.

घटना के दौरान संजय ने न केवल अपने पिता के साथ अभद्रता की, बल्कि उन्हें बुरी तरह पीटा भी. परिवार के अन्य सदस्य जब तक मौके पर पहुंचते, तब तक संजय अपने पिता को काफी चोट पहुंचा चुका था. परिजनों ने किसी तरह बीच-बचाव कर मुन्ना सिंह को बचाया. इस पूरी घटना का किसी ने वीडियो बना लिया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.

पिता ने दर्ज कराई रिपोर्ट

पिता मुन्ना सिंह लोधी ने अपने बेटे के खिलाफ बंडा थाने में शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने पुलिस को बताया कि उनका बेटा पहले भी उनके साथ दुर्व्यवहार करता था, लेकिन इस बार उसने सारी हदें पार कर दीं. मुन्ना सिंह ने पुलिस से अपने बेटे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की, ताकि भविष्य में ऐसी घटना न हो.

बंडा थाना प्रभारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर आरोपी पुत्र संजय सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच की जा रही है. पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि संजय ने यह हरकत किन कारणों से की और क्या वह किसी नशे की हालत में था.

यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि पारिवारिक मूल्यों में गिरावट किस हद तक बढ़ चुकी है. माता-पिता जिन बच्चों को पाल-पोस कर बड़ा करते हैं, जब वही संतान उन्हें प्रताड़ित करने लगे तो यह चिंता का विषय बन जाता है. ऐसे मामलों में परिवार और समाज को मिलकर समाधान निकालना होगा, ताकि आने वाली पीढ़ी अपने संस्कारों को न भूले

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