अमेरिका की येल और न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में सोमवार रात (22 अप्रैल) को फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. यह छात्र यूनिवर्सिटी कैंपस में हंगामा कर रहे थे.
येल यूनिवर्सिटी के मुताबिक पुलिस ने 50 से ज्यादा छात्रों को अरेस्ट किया और कैंपस में लगे उनके टेंट भी उखाड़ दिए.
वहीं न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में भी फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन करने वाले छात्रों को गिरफ्तार किया गया है. हालांकि गिरफ्तार किए गए छात्रों की संख्या नहीं बताई गई है. पुलिस का कहना है कि छात्रों को हिरासत में लेने से पहले उन्हें कई बार चेतावनी भी दी थी.
पिछले कुछ समय से अमेरिका की टॉप यूनिवर्सिटीज में इजराइल और फिलिस्तीन के समर्थक छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. इन प्रदर्शनों के कारण कैंपस के कई छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कुछ यूनिवर्सिटीज ने यहूदी छात्रों को घर पर ही रहने की सलाह दी है. वहीं कुछ यूनिवर्सिटीज ने अपनी ऑफलाइन क्लासेस कैंसिल कर दी है.
कई बार यूनिवर्सिटीज के प्रशासन को प्रदर्शन को कंट्रोल करने के लिए पुलिस बुलानी पड़ी है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी इन विरोध प्रदर्शनों की निंदा कर चुके है.
छात्र संगठनों ने यूनिवर्सिटीज के सामने रखी है मांगे इससे पहले 18 अप्रैल को न्यूयॉर्क पुलिस डिपार्टमेंट ने 100 से ज्यादा फिलिस्तीन समर्थक छात्रों को कॉलेज कैंपस से गिरफ्तार किया था. इस घटना के बाद कई प्रदर्शनकारी छात्रों को न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी ने सस्पेंड भी किया था. अमेरिकी सांसद इल्हान उमर की बेटी इसरा हिरसी भी इसमें शामिल थी.
कोलंबिया यूनिवर्सिटी में गाजा सोलिडेरिटी इम्कैंपमेन नाम से कैंपेन चलाया जा रहा है. इसे कोलंबिया विश्वविद्यालय अपरथेड डाइवेस्ट (CUAD) नाम का छात्र संगठन चला रहा है. इस संगठन की मांग है कि यूनिवर्सिटीज उन कंपनीज से अलग हो जाएं, जो गाजा पर हमला करने वाले इजराइल से लाभ कमाती हैं.
वहीं, न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी इन प्रदर्शनों का नेतृत्व NYU फिलिस्तीन सॉलिडेरिटी कोलेशन कर रहा है. इन छात्रों की भी मांग है कि यूनिवर्सिटी का तेल अवीव कैंपस बंद किया जाए, क्योंकि यहां फिलिस्तीनियों छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जाता है. येल यूनिवर्सिटी में प्रदर्शनकारियों की मांग है कि येल इजराइल के लिए सैन्य हथियारों का निर्माण करने वाली कंपनीज से अलग हो जाए.
कई अमेरिकी सांसदों ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट मिनौचे शफीक के इस्तीफे की मांग की है. रिपोर्ट्स के मुताबिक सांसदों का कहना है कि शफीक इजराइल के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों को बढ़ावा दे रही है.
पिछले हफ्ते शफीक ने अमेरिकन कांग्रेस के सामने पेश भी हुई थी. जहां उनसे कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रदर्शनों को रोकने के लिए लिए की गई कोशिशों के बारे में पूछा गया था.
इस पेशी के साथ कई अमेरिकन सांसदों ने लेटर साइन किया था, जिसमें उनसे पद छोड़ने की मांग की गई थी. साथ ही उनसे कहा गया था कि वे कैंपस में ऐसा माहौल बनाएं, जिससे यहूदी छात्रों को सेफ महसूस हो.