सुपौल के दो सरकारी शिक्षक पर गिरी विभागीय गाज, बढ़ रहा जांच का दायरा

सुपौल: इंटरमीडिएट कम्पार्टमेंटल सह विशेष परीक्षा के दौरान गणित विषय की परीक्षा में किए गए कदाचार मामले में जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है.

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इस मामले में मुख्य आरोपित कामेश्वर प्रसाद समेत परीक्षा केंद्र पर कार्यालय सहायक के रूप में प्रतिनियुक्त विशिष्ट शिक्षक कल्याण कुमार को विभाग ने निलंबित कर दिया है. निलंबित दोनों शिक्षकों को विभागीय कार्रवाई के अधीन रखते हुए आरोप पत्र अलग से गठित किये जाएंगे.

निलंबित दोनों शिक्षक पिपरा प्रखंड के जय कुमार उच्च माध्यमिक विद्यालय रतौली जरौली के शिक्षक हैं. विभाग ने जिन दो शिक्षकों के विरुद्ध निलंबन की कार्यवाही की है उनमें से एक बीपीएससी शिक्षक कामेश्वर प्रसाद इसी मामले में फिलहाल मंडल कारा सुपौल में बंद हैं. परीक्षा में की गई गड़बड़ी को लेकर केंद्राधीक्षक ने इनके विरुद्ध सदर थाना में मामला दर्ज किया था. इसके बाद सदर थाना पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. फिलहाल विभाग द्वारा की गई इस कार्यवाही के बाद इस मामले से जुड़े अन्य लोगों में भी खलबली मची हुई है. विभाग की मानें तो इस मामले में कई ऐसे लोग हैं जो अब भी पर्दे के पीछे हैं. देर सबेर सभी को बेनकाब किया जाएगा.

हालांकि इस मामले को लेकर लोगों के बीच तरह तरह की चर्चा हो रही है. लोगों की मानें तो जेल में बंद शिक्षक आखिर किसके इशारे पर परीक्षा केंद्र तक पहुंचा था. उनकी मंशा किसी खास परीक्षार्थी को सहायता पहुंचाना था या फिर सेंटर पर सभी को. सूत्र बताते हैं कि अनधिकृत रूप से परीक्षा केंद्र में प्रवेश किये शिक्षक अपने विद्यालय के एक वरीय शिक्षक के कहने पर परीक्षा केंद्र पहुंचे थे. जहां पहले से परीक्षा ड्यूटी में लगे शिक्षक कल्याण कुमार उन्हें न सिर्फ केंद्र के अंदर प्रवेश करने में मदद की बल्कि उन्हें प्रश्नपत्र भी उपलब्ध कराया. यदि मामले की गहराई से जांच की जाती है तो इस मामले का मास्टर माइंड भी सामने आ ही जाएगा. खैर विभाग ने जिन दो शिक्षक के विरुद्ध निलंबन की कार्यवाही की है उन पर आरोप है कि इन्होंने परीक्षा केंद्र पर अनधिकृत रूप से प्रवेश किया तथा कार्यालय कक्ष में प्रश्नपत्र से छेड़छाड़ व मोबाइल से फोटो खींचकर अन्यत्र भेजा.

इस संबंध में डीपीओ स्थापना ने कहा है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए अनुमंडल पदाधिकारी तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी द्वारा मामले की जांच की गई तथा संयुक्त जांच प्रतिवेदन जिलाधिकारी को सौंपा गया. जिलाधिकारी के द्वारा उक्त जांच प्रतिवेदन के आलोक में शिक्षक को निलंबित करते हुए उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था. ऐसे में डीपीओ ने परीक्षा केंद्र पर अनधिकृत रूप से प्रवेश करने प्रश्नपत्र से छेड़छाड़ करने, प्रश्नपत्र का फोटो खींचकर अन्य जगह भेजने, परीक्षा को प्रभावित करने का प्रयास के साथ-साथ अड़तालिस घंटा से अधिक समय तक कारावास में रहने आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही के अधीन रखा है. निर्देश के आलोक में डीपीओ स्थापना ने इन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए निलंबन अवधि का मुख्यालय प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी का कार्यालय निर्मली निर्धारित किया है. निलंबित दोनों शिक्षकों के विरुद्ध आरोप पत्र अलग से गठित करने की बात कही गई है.

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