बिहार: सुपौल में शिक्षा विभाग के लाख कोशिश के बावजूद अनियमितता सामने आते रहती है. कभी स्कूल से शिक्षक गायब तो कभी बच्चों की कम उपस्थिति. प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सुपौल द्वारा प्रखंड क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय चौघारा का औचक निरीक्षण किया गया.
निरीक्षण के दौरान विद्यालय की स्थिति दयनीय पाई गई. विद्यालय में न केवल छात्र-छात्राओं की उपस्थिति कम पायी गई बल्कि शिक्षकों की लापरवाही भी सामने आई. विद्यालय में नामांकित 149 छात्र-छात्राओं के नामांकन की जगह निरीक्षण के समय केवल 36 ही उपस्थित पाए गए. पांच पदस्थापित शिक्षकों में से सिर्फ दो ही विद्यालय में उपस्थित थे. इस दौरान प्रभारी प्रधानाध्यापक सचिन कुमार सिंह लगातार दो दिनों 1 और 02 सितंबर से बिना सूचना अनुपस्थित पाए गए. सहायक शिक्षक सुरेंद्र कुमार सुमन वर्ग कक्षा से बाहर मोबाइल फोन का उपयोग करते हुए पाए गए.
निरीक्षण के दौरान विद्यालय परिसर में साफ-सफाई की कमी, रूटीन का अभाव पाया गया. साथ ही विद्यालय से जुड़े कई महत्वपूर्ण कार्य जैसे कि यूं डाइस पोर्टल पर छात्र-छात्राओं की इंट्री और पंजीकरण कार्य लंबित पाए गए. बीईओ ने स्थिति को गंभीर लापरवाही मानते हुए इसे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित करने वाला आचरण बताया बल्कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ वाले कृत का संज्ञान लिया. उन्होंने दोनों शिक्षकों से 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. चेतावनी दी कि यदि समय पर संतोषजनक जवाब प्राप्त नहीं हुआ तो संबंधित शिक्षकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.