रीवा : महाकुंभ के अवसर पर प्रयागराज जाने वाले तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, मध्य प्रदेश सरकार ने रीवा जिले में विशेष व्यवस्थाएं की हैं. उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल के नेतृत्व में जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधि, और भाजपा कार्यकर्ता मिलकर यात्रियों की सुविधाओं को सुनिश्चित करने में जुटे हैं.
यातायात प्रबंधन और सुविधाएं
रीवा से प्रयागराज मार्ग पर वाहनों का अत्यधिक दबाव बना हुआ है, जिससे मनगवां, गंगेव, और चाकघाट बॉर्डर तक जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है. इसको नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने निम्नलिखित कदम उठाए हैं हाईवे के विभिन्न स्थानों पर टेंट लगाकर तीर्थयात्रियों के लिए चाय, नाश्ता, भोजन, और पानी की नि:शुल्क सेवा प्रदान की जा रही है.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजीव शुक्ला के निर्देशन में चाकघाट और गंगेव में अतिरिक्त मेडिकल टीम भेजी गई है, जो यात्रियों की जांच कर आवश्यक दवाएं वितरित कर रही है.
वाहनों के दबाव को कम करने के लिए चाकघाट, श्रीयुत कॉलेज गंगेव, और बेला में वाहनों को अस्थायी रूप से रोका जा रहा है। प्रयागराज के अधिकारियों से समन्वय कर, सड़कों पर जगह बनते ही वाहनों को आगे बढ़ाया जा रहा है.
जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी
सेमरिया के पूर्व विधायक के.पी. त्रिपाठी और उनके कार्यकर्ता लगातार दो दिनों से तीर्थयात्रियों के लिए भोजन, पानी, ठहरने, और स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था में लगे हुए हैं. भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने भी रीवा पहुंचकर सेवा कार्यों में जुटे कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन किया। इसके अलावा, भाजपा जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गुप्ता, नगर निगम अध्यक्ष वेंकटेश पांडेय, जनपद अध्यक्ष रीवा संगीता राजेश यादव सहित रीवा और सेमरिया विधानसभा क्षेत्र के भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई है.
सामाजिक संगठनों का सहयोग
प्रशासन के साथ-साथ अनेक सामाजिक संगठन भी तीर्थयात्रियों की सहायता के लिए आगे आए हैं. त्योंथर के पंडित चंद्रशेखर युवा उत्थान संस्थान ने तीर्थयात्रियों को नि:शुल्क भोजन और पानी का सोहागी बाईपास में वितरण किया गया है.
मुख्यमंत्री की अपील
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने श्रद्धालुओं से अगले कुछ दिनों तक प्रयागराज की यात्रा टालने का आग्रह किया है, ताकि अत्यधिक भीड़ और यातायात जाम से बचा जा सके.
आगामी विशेष स्नान के लिए तैयारियां
बसंत पंचमी के अवसर पर विशेष व्यवस्थाएं की गई थीं, जिसमें श्रद्धालुओं के लिए तीन स्थानों पर ठहरने और खाने की व्यवस्था की गई थी. इसी तरह, माघ पूर्णिमा (12 फरवरी) और महाशिवरात्रि (26 फरवरी) के विशेष स्नान के लिए भी प्रशासन द्वारा विशेष तैयारियां की जा रही हैं.
इन समन्वित प्रयासों से तीर्थयात्रियों की यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने का प्रयास किया जा रहा है. जिससे वे महाकुंभ के धार्मिक अनुष्ठानों में बिना किसी असुविधा के सम्मिलित हो सकें.