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सावन सोमवार पर शिवभक्ति में डूबे डिप्टी सीएम विजय शर्मा, बुढ़ा महादेव मंदिर और भोरमदेव मंदिर में की पूजा, कांवर यात्रा को किया रवाना

कवर्धा: सावन के पहले सोमवार पर डिप्टी सीएम विजय शर्मा पंचमुखी बुढ़ा महादेव मंदिर और भोरमदेव मंदिर पहुंचे और पूजा अर्चना की. भगवान भोलेनाथ की पूजा के बाद उन्होंने 18 किलोमीटर पदयात्रा को भगवा झंडा दिखाकर रवाना किया.

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सावन सोमवार पर शिव मंदिर में विजय शर्मा ने की पूजा: मंत्री विजय शर्मा पहले नगर के प्रसिद्ध पंचमुखी बुढ़ा महादेव मंदिर पहुंचे. वहां उन्होंने भगवान शंकर की पूजा-अर्चना कर जल अभिषेक किया और प्रदेश की खुशहाली की कामना की. इसके बाद उन्होंने भगवा झंडा दिखाकर जिला प्रशासन की तरफ से आयोजित पदयात्रा को रवाना किया. शर्मा नगर के सरहदी सीमा तक शिव भक्तों के साथ पैदल भी चले. इस दौरान पदयात्रा में डिप्टी सीएम विजय शर्मा, जिलेभर के जनप्रतिनिधि, कलेक्टर, एसपी, सीईओ, डीएफओ समेत जिला प्रशासन के अधिकारी, कर्मचारी, भाजपा कार्यकर्ता, स्कूली छात्र -छात्राएं व बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए. इसके बाद डिप्टी सीएम भोरमदेव मंदिर पहुंचे और भोरमदेव बाबा का जलाभिषेक किया.

धर्म नगरी कवर्धा में चमुखी बुढ़ा महादेव मंदिर से भोरमदेव मंदिर तक पदयात्रा कार्यक्रम की परंपरा सालों से चली आ रही है. सावन सोमवार के पहले सोमवार की सभी को बहुत बधाई. कांवरियों का पहला जत्था वापस आने के बाद एसपी खड़े होकर आरती करके कांवरियों का स्वागत करेंगे. आज विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है इसलिए जल्दी निकलूंगा. आने वाले सोमवार को मैं खुद कांवरियों की सेवा करूंगा- विजय शर्मा, डिप्टी सीएम, छत्तीसगढ़

कांवरियों से कोई उगाही कर लें ऐसी किसमें हिम्मत: कांवरियों से अवैध उगाही के सवाल पर डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि कोई कुछ नहीं कर सकता. हमने टीम भेजी है. यदि ऐसी स्थिति होती है तो मैं खुद वहां जाउंगा. कांवरियों से कोई उगाही नहीं कर सकता.

कवर्धा में सावन सोमवार पर 18 किलोमीटर पदयात्रा: कवर्धा जिले में सावन के प्रथम सोमवार पर प्रसिद्ध पंचमुखी बुढ़ा महादेव मंदिर से भोरमदेव मंदिर तक 18 किलोमीटर पदयात्रा कार्यक्रम की परंपरा वर्षों से चली आ रही है. जिला प्रशासन की तरफ से इस कार्यक्रम का आयोजन कराया जाता है. कार्यक्रम में हजारों लोग प्रदेशभर से शामिल होते हैं. श्रद्धालु पदयात्रा की शुरुआत नगर के प्रसिद्ध पंचमुखी बुढ़ा महादेव मंदिर से करते हैं और 18 किलोमीटर का पैदल सफर कर भोरमदेव मंदिर पहुंच कर भगवान शिव को जल अर्पित करते हैं. इस दौरान रास्ते में शिवभक्तों के आराम और जलपान की व्यवस्था की जाती है.

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