जदयू ने कांग्रेस की वर्किंग कमिटी की बैठक को एक बार फिर से खोदा पहाड़ निकली चुहिया बताया है. JDU ने कहा कि जिस तरह से न्याय, संकल्प और अति पिछड़ों के नाम पर नया शिगूफा छोड़ा गया है, वह साफ तौर पर एक चुनावी हथकंडा है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा नीतीश कुमार को मानसिक रूप से रिटायर कहने पर भाजपा ने कांग्रेस को जमकर घेरा है. आइए बिहार की सियासत से जुड़ी बड़ी खबरों पर एक नजर डाल लेते हैं.
1- CM का नाम लेकर खरगे प्रकट कर रहे अपनी वेदना- BJP
उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मानसिक रूप से रिटायर कहने पर आड़े हाथों लिया है, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पर निरर्थक टिप्पणी कर खरगे अपनी वेदना को बता रहे हैं, जिस प्रकार कांग्रेस ने उन्हें कर्नाटक की राजनीति से पूरी तरह बेदखल करके उन्हें रबड़ स्टै्म्प अध्यक्ष बनाकर रखा है. उससे वो बेहद दुखी और लाचार महसूस करते हैं. वो अध्यक्ष तो हैं, लेकिन कांग्रेस में आज भी निर्णय गांधी परिवार के लोग लेते हैं. सिन्हा ने कहा कि राजद और कांग्रेस की संस्कृति एक खास परिवार के बाहर के लोगों को इस्तेमाल करके त्याग देने की रही है. देश के लोग आज भी नहीं भूले हैं कि किस प्रकार बिहार के ही पिछड़े समाज से आने वाले सीताराम केसरी को अध्यक्ष रहते हुए सोनिया गांधी के इशारे पर कांग्रेस मुख्यालय से बेइज्जत करके बाहर निकाल दिया गया था.
2- कांग्रेस की मीटिंग, खोदा पहाड़ निकली चुहिया जैसी- JDU
कांग्रेस पार्टी की तरफ से राजधानी में आयोजित वर्किंग समिति की बैठक के बाद जदयू ने हमला बोला है. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने बुधवार को कहा कि सीडब्ल्यूसी की मीटिंग से खोदा पहाड़ निकली चुहिया जैसी तस्वीर सामने आई है. अब एक बार फिर न्याय पत्र, संकल्प, अति पिछड़ों को बरगलाने के लिए नया शगूफा छोड़ा गया है. बिहार के अति पिछड़े, पिछड़े, दलित महादलित सबको यह पता है कि कांग्रेस को इस देश मे ने छह दशक दिया. कांग्रेस ने इस देश को केवल लूटा है. बिहार उनका आंतरिक उपनिवेश रहा है. बिहार के नेतृत्व के साथ उन्होंने कभी भी न्याय नहीं किया. हर पंचवर्षीय योजना में बिहार के साथ सौतेला व्यवहार किया गया. अब चुनाव की पूर्व संध्या पर आए हैं, जब पूरी तरीके से कांग्रेस मटियामेट होने के लिए तैयार है.
3- न्याय संकल्प अति पिछड़ों के लिए बदलाव लेकर आएगा- VIP
विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने कहा है कि महागठबंधन का अतिपिछड़ा न्याय संकल्प पत्र बडा बदलाव लेकर आयेगा. मुकेश सहनी ने कहा कि यह सिर्फ वादा नहीं, हम लोगों का संकल्प है, उन्होंने इस संकल्प के लिए राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह संकल्प अति पिछड़ों के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव लेकर आएगा, उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने संविधान में आरक्षण की व्यवस्था की थी, जिससे उनका जीवन बेहतर बन सका. उसी तरह यह संकल्प भी अति पिछड़ों के जीवन में उत्थान करेगा. अगर आज अति पिछड़े का बेटा सरकारी नौकरी में है, तो यह कर्पूरी ठाकुर की देन है. अगर हमारी सरकार बनती है, तो यह संकल्प अति पिछड़ों के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव लाएगा.
4- राजनीतिक जमीन बचाने की कवायद कर रही कांग्रेस- BJP
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक प्रेम रंजन पटेल ने कांग्रेस पार्टी पर हमला बोला है. बुधवार को प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की आजादी के उपरांत पहली बार बिहार में CWC बैठक महज अपनी राजनीतिक जमीन और अस्तित्व बचाने की कवायद भर है. बिहार की जनता जानती है कि कांग्रेस का कोई स्वतंत्र जनाधार नहीं बचा है, इसलिए यह बैठक महागठबंधन में सीटों के लिए दबाव बनाने की रणनीति से अधिक कुछ नहीं है, उन्होंने कहा कि दरअसल, कांग्रेस पहले भी इसी प्रकार का नाटक कर चुकी है. राहुल गांधी की तथाकथित वोट अधिकार यात्रा भी इसी मकसद से की गई थी, ताकि किसी तरह गठबंधन में हिस्सेदारी बढ़ाई जा सके.
5- BJP जिला कोर कमिटी की बैठक में चुनावी तैयारी की समीक्षा
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के सरकारी आवास 5, देशरत्न मार्ग पर बुधवार को भाजपा जिला कोर कमिटी की बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में प्रदेश के जिला कोर कमिटी के सदस्यों ने हिस्सा लिया. बैठक में आगामी चुनाव की तैयारी की व्यापक समीक्षा की गई. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने बताया कि भाजपा संगठन वाली पार्टी है. भाजपा के 52 सांगठनिक जिले हैं. आज 26 जिलों के कोर कमिटी के सदस्यों की बैठक हो रही है और दूसरे दिन शेष जिलों की बैठक होगी. बैठक में राजनीतिक समीक्षा की गई और क्षेत्रवार स्थिति को समझा गया.
6- 85 साल बाद CWC की मीटिंग हास्यादपद- JDU
जेडीयू प्रवक्ता नवल शर्मा ने बुधवार को कहा कि जब बिहार चुनाव के मुहाने पर खड़ा है, ऐसे में पचासी साल बाद बिहार में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बेहद हास्यास्पद है. सारे लोग जान रहे कि इसका उद्देश्य केवल राजद पर दबाव बनाना और चुनावी रोटी सेंकना है. बिहार की भलाई से इनका कोई लेना-देना नहीं. दूसरी बात, कांग्रेस वर्किंग कमेटी जब बैठती है तो मुद्दा जनता का नहीं, गांधी परिवार का होता है. बिहार के लोग जानते हैं कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी का मतलब है वर्किंग फॉर फैमिली. बिहार की जनता कांग्रेस को कब का खारिज कर चुकी है. जिनकी अपनी पार्टी में वर्किंग ही खत्म हो चुकी है, वो बिहार की राजनीति को क्या दिशा देंगे? वर्किंग कमेटी बैठ जाए या खड़ी हो जाए, जनता पर कोई असर नहीं पड़ने वाला.