अंडा एक सुपरफूड माना जाता है, जो प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होता है. ये न सिर्फ सेहत के लिए फायदेमंद है, बल्कि मसल्स बिल्डिंग से लेकर ब्रेन हेल्थ तक में मदद करता है. लेकिन जब बात आती है देसी अंडे (देसी मुर्गी के अंडे) और सफेद अंडे (फार्म में तैयार किए गए अंडे) की, तो कई लोग कंफ्यूज हो जाते हैं कि कौन-सा ज्यादा हेल्दी है?
अगर आप भी यही सोच रहे हैं, तो चलिए इस आर्टिकल में हम आपको दोनों के बीच का अंतर और सेहत के लिए कौन-सा ज्यादा फायदेमंद है, इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.
देसी अंडा और सफेद अंडा, क्या है अंतर?
अंडे का स्रोत और पोषण
देसी अंडा: ये अंडा खुले में घूमने वाली देसी मुर्गियों से मिलता है, जो प्राकृतिक रूप से खाने (कीड़े-मकोड़े, अनाज, हरी घास) का सेवन करती हैं. इसकी वजह से इसमें ज्यादा पोषक तत्व होते हैं.
सफेद अंडा: सफेद अंडे फार्म में तैयार किए जाते हैं, जहां मुर्गियों को कंट्रोल्ड डाइट दी जाती है. ये अंडे दिखने में बड़े और चमकदार होते हैं, लेकिन इनमें पोषण स्तर थोड़ा कम हो सकता है.
स्वाद और बनावट में अंतर
देसी अंडा इसका स्वाद ज्यादा रिच और ऑर्गेनिक होता है. इसकी जर्दी (योल्क) गहरे पीले से लेकर नारंगी रंग की होती है, जो ज्यादा पोषण देती है. वहीं सफेद अंडा की जर्दी हल्के पीले रंग की होती है और स्वाद में आम जैसा होती है.
सेहत के लिए कौन बेहतर?
देसी अंडा दिल और ब्रेन हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है, क्योंकि इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट्स ज्यादा होते हैं. अगर आप मसल्स बिल्डिंग कर रहे हैं तो दोनों ही अंडे प्रोटीन से भरपूर होते हैं, लेकिन देसी अंडे में थोड़ा ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है. वहीं आंखों की रोशनी के लिए देसी अंडा ज्यादा फायदेमंद होता है, क्योंकि इसमें लुटेन और ज़ीएक्सैंथिन अधिक होते हैं. अगर आपको वेट लॉस करना है तो सफेद अंडा बेहतर है. क्योंकि सफेद अंडा कम कैलोरी वाला होता है, इसलिए अगर कोई वेट लॉस डाइट पर है, तो सफेद अंडा ज्यादा बेहतर ऑप्शन हो सकता है.
कौन-सा अंडा खाएं?
अगर आपका बजट और उपलब्धता सही है, तो देसी अंडे को प्रायोरिटी देना बेहतर होगा. लेकिन अगर आपको देसी अंडे नहीं मिलते, तो सफेद अंडे भी एक अच्छा ऑप्शन हैं, खासकर प्रोटीन के लिए.