Varanasi: बीएचयू के सर्जिकल आंकोलाजी विभाग में कैंसर की पहचान अब आसान हो जाएगी. स्तन कैंसर रोगियों के बगलों में कैंसर का फैलाव पता करने के लिए फ्लोरोसेंट इमेजिंग सिस्टम तकनीक प्रभावी होगी. सेंटिनल नोड बायोप्सी में डाई अथवा ट्रेसर का इस्तेमाल होता है.
विभाग में एक आधुनिक उपकरण की खरीद हुई है, इसके जरिए यह कार्य आसान हो जाएगा. इसका उपयोग सेंटिनल नोड बायोप्सी में होगा, जिससे स्तन कैंसर के शुरुआती स्टेज के रोगियों को सुविधा मिलेगी. अमेरिका से करीब एक करोड़ की मशीन आई है, उसका इंस्टालेशन शुरू हो चुका है. यह प्रदेश की पहली मशीन होगी. और महिलाओं में स्तन कैंसर तेजी से बढ़ रहा है. सर्जिकल आंकोलाजी विभाग में 10 साल पहले 15 मरीज प्रतिमाह आते थे, लेकिन अब यह संख्या 50 के पार पहुंच गई है. 10 प्रतिशत मामले अंतिम स्टेज से जुड़े होते हैं, ऐसे मरीजों का उपचार दवा, कीमो थेरेपी, हार्मोन थेरेपी व टारगेटेड थेरेपी से होता है. मरीजों में 90 प्रतिशत की सर्जरी करनी पड़ती है. ब्रेस्ट कैंसर से 99 प्रतिशत महिलाएं पीड़ित होती हैं जबकि एक प्रतिशत पुरुष.
विभागाध्यक्ष डा. मल्लिका तिवारी ने बताया कि एक सप्ताह में मशीन का इंस्टालेशन हो जाएगा और मरीजों को राहत मिलने लगेगी.
डा. मल्लिका ने बताया कि एक माह तक प्रत्येक शनिवार को विभाग में ब्रेस्ट कैंसर क्लीनिक का संचालन किया जाएगा. यहां पर मरीज चिह्नित होंगे और उनका बेहतर उपचार किया जाएगा. नि:शुल्क इलाज के लिए ओपीडी चलेगी.