अयोध्या : उत्तर प्रदेश में सर्दी का कहर शुरू हो चुका है. तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज हो रही है. ठंड से बचने के लिए लोग गर्म कपड़ों और घरों में दुबकने लगे हैं. लेकिन सोचिए उन लोगों का क्या, जो खुले आसमान के नीचे रातें बिताने को मजबूर हैं.
कई लोग ऐसे हैं जो आर्थिक तंगी और मजबूरी के कारण किराए का मकान भी नहीं ले पाते रोजी-रोटी की के खातिर उन्हें अपने घर से दूर खुले आसमान के नीचे अपना जीवन यापन करना होता है. उनके लिए एकमात्र सहारा होते हैं रैन बसेरे, जो सरकार और नगर निगम द्वारा स्थापित किए जाते हैं. और जहां व्यवस्था है, वहां जागरूकता और प्रचार-प्रसार की कमी के चलते जरूरतमंद लोग इस सुविधा तक पहुंच ही नहीं पाते.
लेकिन क्या ये रैन बसेरे अपनी जिम्मेदारी निभा पा रहे हैं? आई आपको Vayam Bharat न्यूज़ के कैमरे से दिखाते हैं रैन बसेरे की तस्वीर और करते हैं रैन बसेरो का के रियलिटी चेक को. अयोध्या में ठंड का कहर जारी है. रात का तापमान 3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. जिससे लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, दिन में धूप निकलने से लोगों को थोड़ी राहत जरूर मिली है. ठंड से निपटने के लिए नगर निगम ने तैयारियां तेज कर दी हैं.
हम बात कर रहे हैं अयोध्या शहर के एक रैन बसेरे की. सरकार और प्रशासन का दावा है कि यहां बेसहारा लोगों के लिए ठहरने और ठंड से बचाव की पूरी व्यवस्था है. रैन बसेरे के बारे में नगर आयुक्त संतोष शर्मा का कहना है कि अयोध्या कैंट और अयोध्या धाम में सात जगहों पर अस्थाई रैन बसेरों का निर्माण किया गया है. इन रैन बसेरों में यात्रियों के लिए गद्दे, तकिए, चादर और कंबल की व्यवस्था की गई है. साथ ही, प्रमुख चौराहों पर अलाव जलाने का भी इंतजाम किया गया है.
अयोध्या कैंट में निम्न स्थानों पर रैन बसेरों का निर्माण किया गया है:
अयोध्या रोडवेज बस स्टेशन,अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन,अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन,बंधा तिराहा,राम कथा पार्क, पुराने सरयू पुल पर सात अस्थाई रैन बसेरों में लगभग 500 लोग रात्रि निवास कर सकते हैं.
अयोध्या धाम में एक स्थायी आश्रय गृह बनाया गया है, जिसका नाम निषाद राजपूत आश्रय स्थल रखा गया है। यह अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन के पास स्थित है और इसमें 300 यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था है.
अयोध्या जनपद के ग्रामीण इलाकों में भी रैन बसेरों का निर्माण किया गया है। इनकी देखरेख के लिए कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है ताकि लोगों को ठंड से राहत मिल सके. सरकार और प्रशासन को चाहिए कि न केवल व्यवस्थाओं को बेहतर बनाएं, बल्कि लोगों को इसके प्रति जागरूक भी करें. नगर निगम की यह पहल ठंड से जूझ रहे यात्रियों और स्थानीय निवासियों को राहत प्रदान करने में मददगार साबित हो रही है.