सोनभद्र : उत्तर प्रदेश एक तरफ सरकार हर घर में नल से जल पहुंचाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, वहीं दूसरी तरफ सोनभद्र जिले के आदिवासी बहुल इलाके में लोग आज भी नाले का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. यह चौंकाने वाली तस्वीर विकास के दावों की पोल खोलती नजर आ रही है.
क्या है पूरा मामला:
मामला सोनभद्र जिले के ओबरा ब्लॉक के कनच्छ गांव के पियरी माटी टोला का है. यहां करीब 20-25 घर हैं और लगभग 300-400 लोग रहते हैं। इनमें से ज्यादातर आदिवासी हैं. ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में पीने के पानी का कोई दूसरा स्रोत नहीं है. इसलिए, वे मजबूरी में नाले का गंदा पानी पीते हैं.
महिलाओं ने बयां किया दर्द
एक महिला ग्रामीण ने बताया, “हम रोज इसी नाले का पानी पीते हैं. हमारे गांव में पीने के पानी की कोई और सुविधा नहीं है. यह सुनकर हैरानी होती है कि जहां सरकार पानी के लिए इतना खर्च कर रही है, वहीं इन लोगों को गंदा पानी पीना पड़ रहा है.
स्वास्थ्य पर गंभीर असर:
गंदे नाले का पानी पीने से ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है. इससे डायरिया, हैजा, टाइफाइड और पेट संबंधी अन्य बीमारियां हो सकती हैं। खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह पानी बेहद खतरनाक है.
सरकार की योजनाएं फेल:
यह मामला सरकार की ‘हर घर नल जल योजना’ की विफलता को दर्शाता है।सरकार ने इस योजना पर करोड़ों रुपए खर्च किए हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है.
सरकार को लेना होगा संज्ञान:
यह बेहद गंभीर मुद्दा है और सरकार को इस पर तुरंत ध्यान देना चाहिए. ग्रामीणों को साफ पानी उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है. इसके लिए, सरकार को तत्काल उचित कदम उठाने चाहिए.