वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग मंदिर में लगे पत्थर के हाथी के मुंह से गिर रहे पानी को गिलास में लेकर पी रहे हैं. श्रद्धालुओं का कहना है कि ये भगवान का चरणामृत है. ये सब उन्हीं की कृपा है जो यहां से चरणामृत गिर रहा है.
इस वीडियो को लेकर बांके बिहारी मंदिर के सेवायत आशीष गोस्वामी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मंदिर के पीछे जो दो हाथी बने हुए हैं, वहां से जल टपकता है. लोग उसे चरणामृत समझकर स्वीकार कर लेते हैं. मैं उनसे कहना चाहूंगा कि ये चरणामृत नहीं है. ये मंदिर की सफाई और एसी से निकलने वाला जल है. इसको लेकर गलतफहमी फैलाई जा रही है.
मथुरा : वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर में AC से निकल रहे पानी को चरणामृत समझकर पीते और पानी को गिलासों में भरते श्रद्धालुओं का एक वीडियो वायरल।#Mathura #BankeBihariMandir #viralvideo pic.twitter.com/IA904clVmq
— Uttar Pradesh Times (@UPTimesLive) November 4, 2024
उन्होंने कहा, मैं श्रद्धालुओं से कहना चाहूंगा कि बिहारी जी महाराज के स्नान का जल जिसे हम सभी लोग चरणामृत के नाम से जानते हैं इतना सहज नहीं है कि वह नाली के माध्यम से गिरे और बाद में लोगों के पैरों तक पहुंचे. बिहारी जी के स्नान का जो जल है वह मंदिर के अंदर पुजारी भक्तों की अंजलि में देते हैं. तुलसी दल के साथ जो भक्त श्रद्धालु अपनी सुबह की शुरुआत बिहारी जी के चरणों से करते हैं. वो अपने परिवार के स्वास्थ्य के लिए बिहारीजी का जल लेकर जाते हैं.
सफाई और एसी का पानी गिरता है हाथी के मुख से: सेवायत
मथुरा : बांके बिहारी मंदिर में AC के पानी को 'चरणामृत' समझ पीने लगे श्रद्धालु
सुनिए वायरल वीडियो का सच
बाँके बिहारी मंदिर के पुजारी सच्चाई बता रहे हैं #Mathura #BankeBihari pic.twitter.com/tclrIbyRsz
— Shalu Awasthi شالو اوستھی (@Shalu_official) November 4, 2024
बांके बिहारी के सेवायत ने बताया कि जो जल पत्थर के हाथी के मुख से गिर रहा है, वो मंदिर के गर्भगृह में लगे एसी का है. वहीं से यह पानी गिरता है और मंदिर के पीछे जाता है. कई बार श्रद्धालुओं से मंदिर का जल समझकर पी लेते हैं, लेकिन यह एसी का ही पानी है. इस जल का आचमन ले रहे श्रद्धालुओं से जब बात की गई तो उन्हें बताया गया कि यह जल मंदिर की साफ सफाई का है तो श्रद्धालु कहने लगे देखिए हमारे लिए यह भगवान के मंदिर में से आ रहा है तो यह भगवान का चरणों का जल है अब साफ सफाई का है, यह तो हमें मालूम नहीं है.