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रामलला के साथ सेल्फी ले सकेंगे भक्त, पुजारियों के गर्भगृह तक फोन ले जाने पर लगी रोक

रामनगरी अयोध्या में रामलला के भक्तों की एक बड़ी मुराद पूरी हो गई है. अब भक्त रामलला के साथ सेल्फी ले सकते हैं. भगवान राम को अपने मोबाइल फोन के कैमरे से अपने हृदय में बसा सकते हैं. इसके लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र समिति ने राम मंदिर परिसर में दो स्थानों पर सेल्फी पॉइंट बनाए हैं. इसी के साथ मंदिर की व्यवस्था में एक और बड़ा बदलाव किया गया है. समिति ने पुजारियों को भी रामलला के गर्भगृह में मोबाइल फोन लेकर जाने से रोक लगा दी है.

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अब पुजारियों को गर्भगृह के बाहर बने लॉकर में अपने फोन जमा करने होंगे. बता दें कि राम मंदिर में मोबाइल फोन ले जाने पर पहले से ही रोक है. रामलला के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं से मोबाइल फोन एवं अन्य कीमती सामान पहले बैरियर पर सिक्योरिटी चेकिंग के दौरान निकलवा कर लॉकर में रखवा दिया जाता है. ऐसे में लोग राम मंदिर में सेल्फी नहीं ले पा रहे थे. हालांकि अब श्रद्धालुओं की भावनाओं का कद्र करते हुए श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने दर्शन मार्ग पर वॉटरप्रूफ टेंट में दो सेल्फी पॉइंट बनाए हैं.

दर्शन मार्ग पर लगाई रामलला की दो अनुकृतियां

इसमें रामलाल की दो अनुकृतियां लगाई गई हैं और ठीक उसी तरह से साज सज्जा की गई है, जैसे गर्भ गृह में है. बुधवार की सुबह इन दोनों सेल्फी पॉइंट को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया. इसके बाद से यहां सेल्फी लेने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. इसी क्रम में राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने गणपति भवन में पुजारियों के साथ मीटिंग की. इस दौरान उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर में पुजारी फोन ले जा सकेंगे, लेकिन गर्भगृह में फोन ले जाने की अनुमति नहीं होगी.

पुजारी नहीं ले सकेंगे भक्तों से दक्षिणा

पुजारियों को गर्भगृह में प्रवेश करने से पहले बाहर लॉकर में अपने फोन जमा कराने होंगे. ट्रस्ट महासचिव ने पुजारियों को साफ तौर पर निर्देश दिया कि मंदिर परिसर में फोटो खींचने और वीडियो बनाने पर रोक रहेगी. बैठक में शामिल मंदिर निर्माण समिति के प्रभारी गोपाल राव ने पुजारियों को किसी भी श्रद्धालु से दक्षिण नहीं लेने को कहा. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कोई भक्त यदि दक्षिण देना भी चाहे तो उसे दान पात्र में डालने को कहा जाए. इस बैठक के दौरान ही मंदिर समिति ने 20 नए पुजारियों को पूजा सेवा के काम में लगाया. इन पुजारियों का प्रशिक्षण हाल ही में पूरा हुआ है. उन्हें भगवान के पूजन के लिए बनाई गई आचार संहिता समझा कर काम पर भेजा गया.

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