DGCA यानी डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने देश की प्रमुख एयरलाइंस कंपनियों का सुरक्षा ऑडिट किया है. ये ऑडिट सालाना निगरानी योजना (Annual Surveillance Plan) के तहत किया गया था. इसमें पिछले एक साल में लेवल 1 और लेवल 2 की कुल 51 बड़ी खामियां सामने आई हैं.
DGCA ने बताया कि यह ऑडिट अंतरराष्ट्रीय मानकों और ICAO (इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गेनाइजेशन) की गाइडलाइन्स के मुताबिक किया गया, जिससे विमान संचालन की सुरक्षा और नियमों के पालन को सुनिश्चित किया जा सके.
किन एयरलाइंस में क्या मिला?
लेवल 1 कैटेगरी की गंभीर खामियां:
- एयर इंडिया एक्सप्रेस: 2
- टाटा SIA एयरलाइंस (Vistara): 10
- एयर इंडिया: 7
पिछले एक साल में कुल खामियों की तादाद (लेवल 1 व 2 मिलाकर):
- एयर इंडिया एक्सप्रेस: 25
- एयर इंडिया: 51
- स्पाइसजेट: 14
- एलायंस एयर: 57
- क्विक जेट: 35
- टाटा SIA एयरलाइंस (विस्तारा): 17
- इंडिगो: 23
- घोड़ावत स्टार: 41
DGCA ने साफ किया कि जिन एयरलाइंस का ऑपेरशन बहुत बड़ा है और जिनके पास बड़ी तादाद में विमान हैं, उनमें इस तरह की ज्यादा खामियां मिलना सामान्य बात है. दुनिया भर में बड़ी एयरलाइंस के साथ ऐसा देखा जाता है.
DGCA का क्या कहना है?
DGCA ने कहा, “ये ऑडिट सिक्योरिटी बढ़ाने, नियमों के पालन को सुनिश्चित करने और संचालन में सुधार लाने के लिए जरूरी हैं.” DGCA ने सभी एयरलाइंस ऑपरेटर्स को लेवल 1 और 2 की खामियों की जानकारी दे दी है.
सभी एयरलाइंस से कहा गया है कि वे वक्त पर सुधारात्मक कदम उठाने की रिपोर्ट दें और इन कमियों को दूर करें. DGCA इन जवाबों की निगरानी करेगा, जिससे सुरक्षा मानकों को बनाए रखा जा सके और उन्हें और बेहतर किया जा सके.
एअर इंडिया बेस पर 100 खामियां
मंगलवार को आई खबरों के मुताबिक, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इस महीने की शुरुआत में एयरलाइन के गुरुग्राम बेस के विस्तृत ऑडिट के बाद एयर इंडिया में करीब 100 सुरक्षा उल्लंघनों का पता लगाया है. इसमें सात गंभीर खामियां सामने आई हैं.
1 जुलाई से 4 जुलाई के बीच किए गए इस ऑडिट में परिचालन, उड़ान समय-निर्धारण, रोस्टरिंग और अन्य प्रमुख कार्यों की जांच की गई. DGCA की जांच के मुताबिक, एयरलाइन क्रूब मेंबर की ट्रेनिंग, ड्यूटी और आराम अवधि के नियमों, अपर्याप्त चालक दल संख्या और हवाई क्षेत्र योग्यता जैसे क्षेत्रों में गैर-अनुपालनकारी पाई गई.