डीजीएमओ Lt Gen राजीव घई को मिली एक और बड़ी जिम्मेदारी, बनाए गए डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ 

भारतीय थल सेना के डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है. उन्हें डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (स्ट्रैटेजी) अपॉइंट किया गया है. ले. जनरल राजीव घई इंडियन आर्मी के वही अफसर हैं जिनसे पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर में अपने एयरबेसों पर भारत के हमलों के दौरान युद्ध विराम के लिए संपर्क किया था. रक्षा मंत्रालय ने 9 जून को घोषणा की कि लेफ्टिनेंट जनरल घई सैन्य अभियान महानिदेशक (DGMO) के रूप में अपनी वर्तमान भूमिका में काम करना जारी रखेंगे.

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डिप्टी-चीफ (स्ट्रैटेजी) एक नया पद है, जो भारतीय सेना के ऑपरेशन एंड इंटेलिजेंस डायरेक्टोरेट (संचालन और खुफिया निदेशालय) के अलावा अन्य महत्वपूर्ण विंग की देखरेख करेगा. रक्षा मंत्रालय के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, यह पद भारतीय सेना में सबसे महत्वपूर्ण नियुक्तियों में से एक माना जाता है. इससे पहले गत 4 जून को लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उत्तम युद्ध सेवा पदक (UYSM) से सम्मानित किया था. ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के साथ गोलीबारी बंद होने की घोषणा के दो दिन बाद 12 मई को एक प्रेस वार्ता में लेफ्टिनेंट जनरल घई ने भारतीय सशस्त्र बलों की तैयारियों और समन्वित प्रतिक्रिया के बारे में बात की थी.

भारत की तीनों सेनाओं ने कोऑर्डिनेशन में ऑपरेशन सिंदूर के तहत नियंत्रण रेखा (line of control) या अंतरराष्ट्रीय सीमा (international border) पार किए बिना आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे. इस वर्ष के आरंभ में लेफ्टिनेंट जनरल घई ने 25 फरवरी को मणिपुर का दौरा किया था ताकि राज्य में सुरक्षा स्थिति का आकलन किया जा सके, विशेषकर भारत-म्यांमार सीमा पर. उन्होंने मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, राज्य सुरक्षा सलाहकार, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक सहित राज्य के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठकें कीं. संघर्ष प्रभावित क्षेत्र के दौरे का उद्देश्य भारतीय सेना की परिचालन तैयारियों की समीक्षा करना तथा बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की स्थिति का आकलन करना था.

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई कुमाऊं रेजिमेंट के एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी हैं. उन्होंने अपने मिलिट्री करियर में कई महत्वपूर्ण ऑपरेशनल भूमिकाएं निभाई हैं. डीजीएमओ बनने से पहले चिनार कॉर्प्स के जीओसी के रूप में, वह जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों का नेतृत्व किया. लेफ्टिनेंट जनरल घई ने पिछले साल 25 अक्टूबर को डीजीएमओ के रूप में अपनी भूमिका संभाली थी. भारत और इसकी सीमाओं पर सभी सैन्य अभियानों की देखरेख के लिए डीजीएमओ ही जिम्मेदार होते हैं. लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने अपनी मणिपुर यात्रा के दौरान क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों के प्रबंधन के लिए ‘होल गवर्नमेंट अप्रोच’ के महत्व पर बल दिया था.

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