ढाका विमान हादसा: भारत भेजेगा बर्न स्पेशलिस्टों की टीम, 25 बच्चों समेत 31 की मौत

भारत ने ढाका विमान हादसे के पीड़ितों की मदद के लिए मेडिकल सहायता भेजने का फैसला किया है। 21 जुलाई को बांग्लादेश की राजधानी में हुए इस हादसे में अब तक 31 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 25 बच्चे शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया है।

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एक विशेष मेडिकल टीम जिसमें बर्न स्पेशलिस्ट डॉक्टर और नर्सें शामिल हैं, जल्द ही ढाका रवाना की जाएगी। यह टीम ज़रूरी चिकित्सा उपकरणों के साथ दुर्घटना में झुलसे लोगों के इलाज में सहायता करेगी।

बच्चों की बड़ी संख्या में मौत

बांग्लादेश वायुसेना का एक एफ-7 बीजीआई प्रशिक्षण विमान उड़ान भरने के तुरंत बाद तकनीकी खराबी के कारण ढाका के दियाबारी क्षेत्र में स्थित माइलस्टोन स्कूल एंड कॉलेज की इमारत से टकरा गया। हादसे में 25 बच्चों समेत 31 लोगों की जान चली गई। अधिकारियों के अनुसार कई मृतक 12 वर्ष से कम उम्र के थे, जो गंभीर रूप से जल जाने के कारण नहीं बच पाए।

भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति की मिसाल

भारत द्वारा भेजी जा रही मेडिकल टीम न केवल घायलों का इलाज करेगी, बल्कि उनकी हालत का मूल्यांकन कर जरूरत पड़ने पर उन्हें विशेष उपचार के लिए भारत लाने की भी सिफारिश कर सकती है। प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर अतिरिक्त मेडिकल सपोर्ट भी भेजने पर विचार किया जा रहा है। यह कदम भारत और बांग्लादेश के बीच मजबूत सहयोग और पड़ोसी देशों को प्राथमिकता देने की नीति को दर्शाता है।

घायलों का इलाज और प्रदर्शन

घटना में घायल हुए 165 लोगों का इलाज ढाका के 10 अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है। माइलस्टोन स्कूल और आसपास के अन्य स्कूलों के छात्रों ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने मृतकों की जानकारी पारदर्शी रूप से सार्वजनिक करने, उचित मुआवजा देने और पुराने असुरक्षित प्रशिक्षण विमानों का इस्तेमाल तुरंत बंद करने की मांग की।

अस्पतालों में इलाज के दौरान भी गई जानें

आईएसपीआर के अनुसार, 16 लोगों की मौत संयुक्त सैन्य अस्पताल में हुई, जबकि 10 नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी में, दो लुबाना जनरल अस्पताल में और बाकी विभिन्न अस्पतालों में दम तोड़ चुके हैं।

भारत द्वारा उठाया गया यह मानवीय कदम न केवल संकट की घड़ी में पड़ोसी देश की सहायता का प्रतीक है, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और सहयोग के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।

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