धमतरी जिले के नगरी में गुरुवार को एक बार फिर 40 हाथियों का दल देखा गया. हफ्तेभर पहले 2 गुट में बंटकर विचरण करने के बाद गुरुवार को सिकासेर दल के 40 हाथी फिर एक हो गए. 11 अप्रैल को शाम 5.45 बजे हाथियों का दल कक्ष क्रमांक 331, 332, 333 और 335 में विचरण करते हुए दिखाई दिया.
इस बीच साईंसील नाले में पानी पीकर हाथियों का दल जबर्रा के कक्ष क्रमांक 332 के जंगल में प्रवेश कर गया. हाथियों की निगरानी में ट्रैकिंग दल के अलावा वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी की ड्यूटी लगी है. सुरक्षा के लिहाज से चारगांव, जबर्रा, खरखा, गजकन्हार, तुमबाहरा, कल्लेमेटा, डोंगरडूला, बिलभदर गांव में अलर्ट जारी किया गया है. साथ ही शाम होने के बाद जबर्रा-गरियाबंद मार्ग पर आने-जाने की मनाही है.
ग्रामीणों को हाथी विचरण क्षेत्र में सुबह-शाम महुआ बीनने नहीं जाने की चेतावनी दी गई है. साथ ही महुआ शराब बनाने की भी मनाही की गई है. महुआ की गंध से हाथी आकर्षित होते हैं. बता दें कि करीब 2 हफ्ते पहले भी सिकासेर दल में शामिल 40 हाथियों का दल दुगली रेंज में दिखाई दिया था. इसके बाद दल नगरी के जंगल की ओर बढ़ गया.
वन विभाग के मुताबिक, हाथी कक्ष क्रमांक-349 के उत्तर तुमबहरा परिसर में दिखाई दिए थे. सुरक्षा के लिहाज से तुमबहरा, चारगांव, गजकन्हार, बिलभद्दर, डोंगरडुला, कल्लेमेटा में अलर्ट जारी किया गया था. निगरानी दल में वनकर्मियों की ड्यूटी लगी थी, जो अलग-अलग शिफ्ट में हाथियों के मूवमेंट पर नजर रखे थे.
वन विभाग ने अलर्ट जारी कर ग्रामीणों को सावधान रहने को कहा है. इससे पहले दुगली रेंज में चंदा दल और सिकासेर दल ने बस्ती में घुसकर महुआ को खूब नुकसान भी पहुंचाया था.