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शास्त्री जन्मस्थली को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग को लेकर धरना

चंदौली : पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जन्मस्थली को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने और उससे जुड़ी अन्य मांगों को लेकर सदस्यों ने धरना शुरू कर दिया है.यह धरना शास्त्री जन्मस्थली, सेंट्रल कॉलोनी में शुरू हुआ और 11 जनवरी को शास्त्री जी की पुण्यतिथि के दिन समाप्त होगा.

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पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जन्मस्थली सेवा न्यास के बैनर तले किया जा रहा है.मुख्य मांगों में शास्त्री जी की जन्मस्थली का विकास, इसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित करना, मुगलसराय जंक्शन का नाम लाल बहादुर शास्त्री जी के नाम पर रखने और दिव्यांगों की पेंशन ₹3000 प्रतिमाह करना शामिल है.

सदस्य पावर हाउस रेलवे परिसर में बंद बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को सार्वजनिक स्थान पर स्थापित करने की भी मांग कर रहे हैं.साथ ही 12 सूत्रीय मांगों को लेकर यह धरना दिन-रात जारी रहेगा.

धरने में संस्था के संयोजक कृष्ण गुप्ता के नेतृत्व में कई सदस्य शामिल हुए हैं.प्रमुख सदस्यों में शंकर चौहान, पवन शर्मा, सुजीत गुप्ता, सुरेश यादव (सभासद), अभिषेक नारायण, दिनेश यादव, नंदलाल, और पारसनाथ का नाम शामिल है.इसके अलावा, दिव्यांग सदस्यों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है, जिनमें जितेंद्र भारती, मुन्ना, बिंदु बिद, धर्मेंद्र यादव, संजय चौहान, शिव कुमार, और दिलीप चौहान शामिल हैं.

संयोजक कृष्ण गुप्ता ने बताया कि यह धरना शांतिपूर्ण तरीके से 10 दिन तक चलेगा। धरना 11 जनवरी को शास्त्री जी की पुण्यतिथि के दिन समाप्त होगा.उन्होंने कहा कि शास्त्री जी की जन्मस्थली को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करना हमारे पूर्व प्रधानमंत्री को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

धरनास्थल पर मौजूद सदस्यों ने कहा कि उनकी यह मांग न केवल चंदौली जिले की, बल्कि पूरे देश की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का प्रयास है। सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इन मांगों पर शीघ्र विचार करने की अपील की है.

प्रमुख मांगें

1. शास्त्री जन्मस्थली को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाए.
2. मुगलसराय जंक्शन (जो वर्तमान में डीडीयू जंक्शन है)का नाम शास्त्री जी के नाम पर रखा जाए.
3. देशभर के दिव्यांगों के लिए ₹3000 प्रतिमाह पेंशन लागू हो.
4. डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को सार्वजनिक रूप से स्थापित किया जाए.

धरना स्थल पर जुट रहे लोगों ने प्रशासन से जल्द सकारात्मक कार्रवाई की उम्मीद जताई है.

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