‘धोनी को जितना खेलना था उससे ज्यादा खेल लिया…’ पूर्व क्रिकेटर ने उठाए सवाल

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल 2025) के लीग का रोमांच अब अपने आखिरी पड़ाव पर है. इसी बीच, रविवार को चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) को गुजरात टाइटन्स के बीच मैच खेला गया. जहां आखिरी पायदान की सीएसके ने तालिका में शीर्ष पर रही गुजरात टाइटन्स (GT) को 83 रनों से करारी शिकस्त दी. इस मैच के बाद चेन्नई के कप्तान एमएस धोनी के संन्यास की अटकलें भी तेज हो गई हैं. मैच के बाद धोनी ने कहा, ‘मैं यह नहीं कह रहा कि मैंने क्रिकेट छोड़ दिया है, और यह भी नहीं कह रहा कि मैं वापस आऊंगा.’

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धोनी के इस बयान ने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी है और प्रशंसकों से लेकर विशेषज्ञों तक को उनके 2026 में आईपीएल में लौटने को लेकर असमंजस में डाल दिया है. 43 वर्षीय धोनी ने इस लीग में 18 वर्षों तक खेला है.हालांकि, इस साल आईपीएल में CSK के खराब प्रदर्शन के बाद कई पूर्व क्रिकेटरों ने उनके संन्यास को लेकर बहस शुरू कर दी है.

धोनी के संन्यास पर क्या बोले मुरली कार्तिक

इसी विषय पर बोलते हुए पूर्व भारतीय क्रिकेटर मुरली कार्तिक ने कहा कि अब धोनी के संन्यास लेने का सही समय हो सकता है. धोनी ने बतौर कप्तान पांच आईपीएल ट्रॉफियां जीती हैं, लेकिन अब कमेंटेटर बन चुके कार्तिक का मानना है कि धोनी ने जितना खेलना चाहिए था, उससे ज्यादा खेल लिया है.

कार्तिक ने कहा, ‘जितना दुनिया धोनी को पसंद करती है, जितना हम चाहते हैं कि कुछ चीज़ें कभी खत्म न हों — जैसे हम नहीं चाहते कि अमिताभ बच्चन कभी एक्टिंग छोड़ें या सचिन तेंदुलकर का करियर खत्म हो- लेकिन एक दिन तो आना ही है जब उन्हें जाना होता है. कभी-कभी ऐसा होता है कि आप चाहते नहीं कि आपको बाहर का रास्ता दिखाया जाए. आप नहीं चाहते कि जो लोग आपसे प्यार करते हैं वो भी कहने लगें कि ‘अब बहुत हुआ, आपने ज्यादा समय ले लिया है.

गौरतलब है कि धोनी को इस सीज़न में कप्तानी फिर से सौंपी गई थी, जब मुख्य कप्तान रुतुराज गायकवाड़ चोट के कारण बाहर हो गए थे. रविवार के मैच के बाद प्रेजेंटेशन सेरेमनी में जब उनसे उनके संन्यास को लेकर पूछा गया, तो रांची में जन्मे इस खिलाड़ी ने कहा कि यह फैसला उनके शरीर की स्थिति पर निर्भर करेगा और फिलहाल उन्हें यह तय करने के लिए कुछ महीने मिलेंगे.

धोनी ने कहा,’यह निर्भर करता है. मेरे पास फैसला करने के लिए 4-5 महीने हैं, कोई जल्दी नहीं है. हर साल शरीर को फिट रखने में 15% ज्यादा मेहनत लगती है. आपको सर्वश्रेष्ठ स्तर पर रहना होता है, यह टॉप लेवल क्रिकेट है. यह प्रोफेशनल क्रिकेट है. प्रदर्शन के आधार पर हमेशा फैसले नहीं लिए जाते. अगर खिलाड़ी प्रदर्शन के आधार पर संन्यास लेने लगें, तो कुछ तो 22 साल की उम्र में ही रिटायर हो जाएंगे.’

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