मध्य प्रदेश के सीधी जिले के एक भाजपा पदाधिकारी पर एक महिला के साथ कथित तौर पर यौन उत्पीड़न करने का मामला दर्ज किया गया, जिसके बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. पुलिस उपाधीक्षक गायत्री तिवारी ने सोमवार को बताया कि सुरेश सिंह के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 74 (महिला के शील भंग करने के इरादे से उस पर आपराधिक बल का प्रयोग), 75 (यौन उत्पीड़न) और 351 (2) (आपराधिक धमकी) के मामला दर्ज किया गया है.
‘जांच के बाद होगी कार्रवाई’
डिप्टी एसपी ने कहा कि गहन जांच के बाद कानूनी कदम उठाए जाएंगे. इस बीच, भाजपा के सीधी जिला इकाई के उपाध्यक्ष सिंह को रविवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने उनके ‘अशोभनीय और असहनीय कृत्य’ के लिए पद से हटा दिया और पार्टी से निष्कासित कर दिया.
खुद का किया बचाव
खुद का बचाव करते हुए सुरेश सिंह ने कहा कि आरोप झूठे हैं. उन्होंने कहा कि ‘पार्टी के एक सहयोगी द्वारा रची गई साजिश’ के तहत उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. सिंह ने कहा, ‘सेना से रिटायर होने के बाद पिछले दो दशकों से मैं ईमानदारी से पार्टी की सेवा कर रहा हूं. पार्टी ने कार्रवाई करने से पहले मेरा पक्ष नहीं पूछा. मैं जांच में पूरा सहयोग करूंगा.’
धारा 74- महिला की मर्यादा भंग करने के इरादे से आपराधिक बल का प्रयोग
जब कोई व्यक्ति किसी महिला पर ऐसे इरादे से बल प्रयोग करता है जिससे उसकी शारीरिक गरिमा और मर्यादा को ठेस पहुंचे, तो यह अपराध इस धारा के अंतर्गत आता है. जैसे – जानबूझकर छूना, धक्का देना, कपड़े खींचना आदि. यह गंभीर अपराध माना जाता है और सज़ा में कारावास, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.
धारा 75 – यौन उत्पीड़न
इसमें किसी महिला के प्रति अवांछित यौन व्यवहार, जैसे कि अश्लील इशारे करना, आपत्तिजनक बातें करना, पीछा करना, या जबरन स्पर्श करना शामिल है. यह भी एक गंभीर और संज्ञेय अपराध है. दोषी पाए जाने पर कई साल की सज़ा और जुर्माना हो सकता है.
धारा 351(2) – आपराधिक धमकी
जब कोई व्यक्ति डराने, धमकाने या मानसिक दबाव बनाने की कोशिश करता है – जैसे जान से मारने की धमकी देना, बदनाम करने की धमकी देना आदि तो वह इस धारा के अंतर्गत आता है. अगर यह महिला के खिलाफ किया गया हो, तो मामला और गंभीर माना जाता है. सज़ा में जेल और जुर्माना दोनों शामिल हो सकते हैं.