Left Banner
Right Banner

समय पर नहीं की सुधार की मांग, मौका गंवा दिया’, वोट चोरी के आरोपों और बिहार SIR पर बोला चुनाव आयोग

बिहार एसआईआर को लेकर कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष चुनाव आयोग पर वोट चारी का आरोप लगा रहा है. इस बीच चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतदाता सूची तैयार करने के सभी चरणों में राजनीतिक दल शामिल हैं. चुनाव आयोग ने कहा कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट की हार्ड कॉपी और डिजिटल कॉपी सभी राजनीतिक दलों के साथ शेयर की जाती हैं और इन्हें चुनाव आयोग की वेबसाइट पर सभी के देखने के लिए उपलब्ध करा दिया जाता है.

समय पर नहीं की सुधार की मांग- ECI

चुनाव आयोग ने कहा, “इसके बाद दावे और आपत्तियां दर्ज करने के लिए एक महीने का समय दिया जाता है. अंतिम प्रकाशित मतदाता सूची भी सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ साझा की जाती है और दो-स्तरीय अपील प्रक्रिया उपलब्ध कराई जाती है. ऐसा लग रहा है कि कुछ राजनीतिक दलों और उनके बूथ स्तरीय एजेंटों (BLA) ने सही समय पर मतदाता सूचियों की जांच नहीं की और गड़बड़ियों के बारे में जानकारी नहीं दी.”

सही तरीके आपत्तियां दर्ज नहीं की गई- ECI

चुनाव आयोग ने यह भी कहा, “जिन पार्टियों को मतदाता सूचियों पर आपत्ति है, उन्होंने सही समय पर सही माध्यमों से आपत्तियां दर्ज नहीं की गई. अगर ऐसा हुआ होता और यह गलतियां सही होती तो संबंधित एसडीएम, ईआरओ उसमें सुधार कर लेता.”

बिहार एसआईआर पर विपक्ष के बयानों का जवाब देते हुए चुनाव आयोग ने कहा, “बिहार के सभी राजनीतिक दलों को 20 जुलाई, 2025 से उन लोगों लिस्ट दी गई है जिनका नाम वोटर लिस्ट से बाहर किया जाना था. वोटर की मृत्यु, दूसरे जगहों पर स्थाई रूप से रहने, एक ही जानकारी को कई बार दर्ज करने की वजह से ऐसा किया गया.”

चुनाव आयोग ने कहा, “हम अभी भी राजनीतिक दलों और वोटर्स की ओर से वोटर लिस्ट की जांच का स्वागत करते हैं. हमारा उद्देश्य हमेशा से यही रहा है कि साफ-सुधरा इलेक्ट्रोल रोल लोकतंत्र को और मजबूत बनाए.

Advertisements
Advertisement