लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को यूपी की फैजाबाद (अयोध्या) सीट से हार का सामना करना पड़ा है. इस हार के बाद वजहें तलाशी जा रही हैं. इन सबके बीच आरोप लगे कि रामनगरी में विकास कार्यों के लिए मकान व दुकान तो जमकर तोड़े गए लेकिन जिला प्रशासन द्वारा उसका मुआवजा नहीं दिया गया. जिसको लेकर अब अयोध्या जिला प्रशासन का बयान सामने आया है. प्रशासन की ओर से दावा किया गया कि प्रभावित लोगों को क्षतिपूर्ति के रूप में 1253 करोड़ रुपये दिये जा चुके हैं.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अयोध्या के डीएम नितीश कुमार ने बताया कि राम जन्मभूमि पथ, भक्ति पथ, राम पथ, पंच कोसी परिक्रमा मार्ग, चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग और अयोध्या हवाई अड्डे के निर्माण के दौरान मकान और दुकानें हटाए जाने से प्रभावित हुए अयोध्या निवासियों को मुआवजे के रूप में 1,253.06 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है.
गौरतलब है कि अयोध्या जिला प्रशासन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में फैजाबाद सीट पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अवधेश प्रसाद के हाथों बीजेपी की हार के लिए लोग सोशल मीडिया पर अयोध्या के विकास के नाम पर सैकड़ों लोगों के मकान और दुकानें ध्वस्त किए जाने को लेकर उपजे जन आक्रोश को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. सपा के अवधेश प्रसाद ने बीजेपी उम्मीदवार और दो के सांसद लल्लू सिंह को 54,567 वोटों से चुनाव हराया है.
अयोध्या डीएम का बयान
मंगलवार को जारी एक बयान में, जिला मजिस्ट्रेट नीतीश कुमार ने कहा कि अयोध्या में यातायात और आवागमन की सुविधाओं को आधुनिक और सुचारू बनाने के लिए सड़क के दोनों ओर के दुकानदारों, भवन मालिकों और भूस्वामियों के साथ समन्वय करके विभिन्न प्रमुख सड़कों और रास्तों का सौंदर्यीकरण और चौड़ीकरण किया गया था. प्रभावित लोगों का नियमानुसार पुनर्वास किया गया तथा उन्हें अनुग्रह धनराशि तथा मुआवजा प्रदान किया गया.
डीएम ने कहा कि रामपथ, भक्तिपथ, राम जन्मभूमि पथ तथा पंचकोसी एवं चौदहकोसी परिक्रमा मार्ग के सौंदर्यीकरण एवं चौड़ीकरण के कारण 4,616 दुकानदार प्रभावित हुए. इनमें से 4,215 दुकानदारों/व्यापारियों को, जिनकी दुकानें “चौड़ीकरण के कारण आंशिक रूप से प्रभावित हुई थीं, प्रति दुकानदार (आंशिक रूप से ध्वस्त की गई दुकान के आकार के आधार पर) अनुग्रह राशि का भुगतान किया गया. क्योंकि कुछ समय तक उनका व्यवसाय प्रभावित रहा.
इसके साथ ही प्रशासन द्वारा उनकी दुकानों का व्यापक सौंदर्यीकरण भी किया गया तथा ये सभी दुकानदार उसी स्थान/दुकान पर अपना-अपना व्यवसाय/दुकान चला रहे हैं तथा वर्तमान में उनका व्यवसाय कई गुना बढ़ गया है व सुचारू रूप से चल रहा है. उक्त सड़कों के सुंदरीकरण/चौड़ीकरण में कुल 401 दुकानदारों को पूरी तरह से विस्थापित किया गया, जिनमें से 339 दुकानदारों को प्राधिकरण द्वारा दुकानें आवंटित की गई हैं.
बकौल डीएम- दूसरी जगह शिफ्ट होने के कारण कुछ समय के लिए उनका व्यवसाय प्रभावित होने के कारण, उनके खातों में प्रति दुकानदार 1 लाख से 10 लाख रुपये (हटाए गए दुकान के आकार के आधार पर) की अनुग्रह राशि अलग से भुगतान की गई है. सड़कों/पथों के सुंदरीकरण/चौड़ीकरण के कारण कुल 79 परिवार पूरी तरह से विस्थापित होकर बस गए हैं.
अयोध्या में बीजेपी की हार के बाद किया गया ये दावा
फैजाबाद लोकसभा सीट हार के बाद लोगों के एक वर्ग ने दावा किया कि शहर के विकास और सौंदर्यीकरण ने स्थानीय लोगों को परेशान किया है और यह बीजेपी की हार के कारणों में से एक है. सपा के जिला अध्यक्ष पारसनाथ यादव ने भी शिकायत की थी कि सड़कों को चौड़ा करने के लिए घरों को तोड़ा गया. उन्होंने कहा- यहां के लोगों के साथ अन्याय हो रहा है और उन्हें उनके स्थानों से उखाड़ा जा रहा है.
जिसपर अब जिला प्रशासन ने साफ किया है कि इस कार्य से कुल 1,845 भूमि मालिक/भवन मालिक प्रभावित हुए, जिन्हें नियमानुसार मुआवजे और अनुग्रह राशि के रूप में उनके खातों में 300.67 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई है. इसी तरह अयोध्या धाम तक हवाई यात्रा की सुविधा के लिए नवनिर्मित महर्षि वाल्मीकि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के लिए सभी प्रभावित परिवारों को नियमानुसार पुनर्वासित किया गया है.
बयान में कहा गया है कि प्रभावित भूमि स्वामियों से समन्वय स्थापित कर उनकी सहमति के आधार पर भूमि अधिग्रहण का कार्य किया गया, जिसमें भूमि स्वामियों/भवन स्वामियों के खातों में कुल 952.39 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. 22 जनवरी को राम मंदिर के भूमि पूजन समारोह से पहले वहां राम जन्मभूमि पथ, भक्ति पथ, राम पथ, पंच कोसी परिक्रमा मार्ग, चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग और अयोध्या हवाई अड्डा जैसे विकास कार्य किए गए.