शेयर बाजार की गिरावट से कुछ दिन पहले तक म्यूचुअल फंड के जो निवेशक टेंशन फ्री थे. अब उनके माथे पर भी चिंता वाला अपर सर्किट लगने लगा है और अब SIP करने वालों के बीच भी भगदड़ मच गई है. हर महीने के खर्च से कुछ पैसे SIP या म्यूचुअल फंड में डालते हैं कि अच्छा रिटर्न मिलेगा लेकिन फिलहाल रिटर्न बढ़ने की बजाय उनका दुख बढ़ता जा रहा है. शेयर बाजार में गिरावट का असर उस SIP पर भी पड़ रहा है जिसमें आप हर महीने एक निश्चित रकम डालते हैं.
इसलिए हम आपसे कुछ जरूरी सवाल पूछना चाहते हैं कि क्या शेयर बाजार की ‘डुबकी’ में आपका म्यूचुअल फंड भी ‘डूब’ रहा है? कहीं ‘लहूलुहान’ शेयर बाज़ार से आपका SIP पोर्टफोलियो भी खतरे के लाल निशान पर तो नहीं है? क्या आपने भी ये चेक किया है कि मार्केट क्रैश से आपके म्यूचुअल फंड का फायदा आधा हो गया? ये सब देखकर क्या आपके मन में भी गिरते शेयर मार्केट में SIP बंद करने का ख्याल आ रहा है? एक जरूरी सवाल ये भी है कि क्या मेहनत की पाई-पाई जोड़कर. आप जो बचत करते हैं क्या वो बड़े खतरे में हैं ?
इसका मतलब ये है कि हर गिरावट के साथ सिर्फ शेयर बाजार के नंबर कम नहीं हो रहे बल्कि आपका पैसा भी कम होता जा रहा है. पिछले साल 27 सितंबर 2024 को सेंसेक्स ने अपना ऑल टाइम हाई बनाया था और 85 हजार 978 का आंकड़ा छुआ था, लेकिन वहां से अब तक सेंसेक्स 10 हजार अंक से ज्यादा टूट चुका है और 12 प्रतिशत से भी ज्यादा की गिरावट आ चुकी है. इसी तरह निफ्टी ने भी 27 सितंबर 2024 को 26277 का शिखर छुआ था और अब तक वो 13 प्रतिशत से भी ज्यादा गिर चुका है.
3 महीने में 10 से 14 प्रतिशत तक का नुकसान
शेयर बाजार वाले भूकंप के झटके कैसे म्यूचुअल फंड में SIP करने वाले आपके जैसे करोड़ों निवेशक महसूस कर रहे हैं इसे भी समझना जरूरी है. लगातार गिरावट की वजह से लोगों को म्यूचुअल फंड में पिछले 3 महीने में 10 से 14 प्रतिशत तक का नुकसान हो चुका है. 40 से ज़्यादा ऐसे म्यूचुअल फंड्स ऐसे हैं जिसमें भारी गिरावट दर्ज की गई है और मुमकिन है इनमें कई म्यूचुअल फंड्स में आपका पैसा भी लगा हो शेयर बाजार में कोहराम की वजह से SIP करने वाले कई निवेशकों का फायदा आधा हो चुका है और जिन नए निवेशकों ने पिछले वर्ष या अभी SIP शुरू की है उनका निवेश घाटे में जा चुका है. इसीलिए आपको भी एक बार ये चेक कर लेना चाहिए कि लहूलुहान शेयर बाजार में आपका SIP पोर्टफोलिया खतरे के निशान के ऊपर है या फिर नीचे.
एक रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर 2024 में SIP बंद करने के पिछले सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं. सिर्फ दिसंबर में 45 लाख से ज्यादा SIP खाते बंद हुए हैं जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है. इससे पहले मई 2024 में 44 लाख SIP खाते बंद हुए थे लेकिन अब ये रिकॉर्ड भी टूट गया है. वैसे हमेशा की तरह हम आपको सत्ता में सिर्फ समस्या नहीं गिनाएंगे बल्कि उसका हल भी बताएंगे. ये भी बताएंगे की एसआईपी करने वालों को इस माहौल में क्या करना चाहिए.
क्या कह रहे एक्सपर्ट?
शेयर मार्केट एक्सपर्ट्स के अनुसार अगर आपने लंबी अवधि या फिर रिटायरमेंट प्लान के हिसाब से SIP की है तो आपको बिल्कुल भी घबराने की जरूरत नहीं है. आप इस गिरावट में भी अपनी SIP को जारी रख सकते हैं. कुछ एक्सपर्ट्स का ये भी मानना है कि गिरावट में निवेश बढ़ाने का भी मौका है क्योंकि गिरते बाजार में आपको उसी रकम में ज्यादा यूनिट मिल जाएगी.
अगर आपने म्यूचुअल फंड्स में शॉर्ट टर्म यानी छोटी अवधि के लिए निवेश किया है तो आपके पास गिरते हुए शेयर बाजार में SIP रोकने का विकल्प मौजूद है. इसके अलावा SIP से बाहर निकलने का भी ऑप्शन है क्योंकि शॉर्ट टर्म में ये गिरावट कहां रुकेगी. ये कहना मुश्किल है.
शेयर बाजार में क्यों मचा है कोहराम?
अब हम आपको ये भी समझाते हैं कि आखिर भारतीय शेयर बाजार की सत्ता के टूटने की वजह क्या है, वो कौन से कारण हैं जिसकी वजह से शेयर मार्केट में हर नए दिन और नई सुबह के साथ नया त्राहिमाम शुरू हो जाता है. इसके पीछे मुख्य रूप से 5 वजह है जिसकी वजह से भारतीय शेयर मार्केट में कोहराम मचा हुआ है.
- इसमें पहली वजह हैं विदेशी निवेशक जो भारतीय बाजार छोड़कर भाग रहे हैं. वो अक्टूबर 2024 से अब तक ढाई लाख करोड़ के शेयर बेच चुके हैं जबकि सिर्फ जनवरी महीने में 64000 करोड़ का इन्वेस्टमेंट विदेशी निवेशकों ने भारत से निकाला है.
- दूसरी बड़ी वजह है तीसरी तिमाही के नतीजे. बड़ी-बड़ी कंपनियों के तीसरी तिमाही के नतीजे कमज़ोर हैं और शेयर बाजार में डर का माहौल है.
- तीसरी वजह है मुनाफा वसूली यानी केंद्रीय बजट से पहले कुछ निवेशक प्रॉफिट बुकिंग भी कर रहे हैं. जिन शेयर में फायदा है उन्हें बेचा जा रहा है.
- इसके अलावा चौथी वजह है डॉलर जिसकी सत्ता ट्रंप के टैरिफ वाले ऐलान के बाद और मजबूत हो गई है. जबकि भारतीय रुपए में कमजोरी बरकरार है.
- अब इस लिस्ट में एक और वजह शामिल हो गई जिसका नाम है डीपसीक. यानी चीन का वो AI जिसने अमेरिका में हड़कंप मचा दिया है और इसके साइड इफेक्ट भारत समेत सभी बाजारों में दिख रहे हैं.