Left Banner
Right Banner

डीडवाना-कुचामन : परबतसर पशु मेले में कथित गौरक्षकों पर कार्रवाई की मांग, किसान संगठनों ने सौंपा ज्ञापन

डीडवाना-कुचामन: जिले के परबतसर में आयोजित ऐतिहासिक वीर तेजा पशु मेले में बीते दिनों कथित गौरक्षकों द्वारा किए गए बवाल ने किसानों और पशुपालकों में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है. इस घटना को लेकर सोमवार को किसान संघ, माकपा और एसएफआई जैसे संगठनों ने संयुक्त रूप से जिला कलक्टर डॉ. महेंद्र खड़गावत को ज्ञापन सौंपा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.

“सदियों पुराना मेला है किसानों की आजीविका का आधार”

ज्ञापन सौंपने पहुंचे किसान नेता जगदीश गोदारा ने जिला प्रशासन को बताया कि परबतसर का वीर तेजा पशु मेला सैकड़ों वर्षों से निरंतर आयोजित होता आ रहा है. इस मेले में राजस्थान ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में पशुपालक मवेशियों की खरीद-फरोख्त के लिए पहुंचते हैं. विशेषकर नागौरी नस्ल के बैल और अन्य दुधारू पशु किसानों की आजीविका का महत्वपूर्ण साधन होते हैं.

“गौरक्षक बनकर आए उपद्रवियों ने मचाई अराजकता”

गोदारा ने आरोप लगाया कि इस बार मेले में गौरक्षक का भेस धारण कर कुछ असामाजिक तत्व घुस आए. उन्होंने सरकारी नियमों के तहत पशु खरीद रहे किसानों और पशुपालकों से झगड़ा किया, मारपीट की और कई खरीदे गए पशुओं को छुड़ाने का भी प्रयास किया. इससे न केवल मेले का माहौल बिगड़ा बल्कि किसान वर्ग दहशत और खौफ में आ गया.

“पशु मेले खत्म होने की कगार पर”

किसान संगठनों का कहना है कि ऐसे फर्जी गौरक्षकों की हरकतों से परबतसर, नागौर, डीडवाना और मेड़ता जैसे बड़े पशु मेले धीरे-धीरे खत्म होने की कगार पर पहुंच गए हैं. किसानों का कहना है कि गौरक्षा के नाम पर उपद्रवी तत्व पशुपालकों को आए दिन परेशान कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर, यही कारण है कि गौवंश की स्थिति भी लगातार बिगड़ रही है और बड़ी संख्या में बेसहारा पशु सड़कों पर भटक रहे हैं.

“नागौरी बैल पर लगी रोक हटे, दोषियों पर कार्रवाई हो”

संगठनों ने प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई नहीं हुई तो किसान वर्ग आंदोलन करने को मजबूर होगा. उन्होंने मांग रखी कि नागौरी नस्ल के बैलों को राज्य से बाहर ले जाने पर लगी रोक को हटाया जाए और भविष्य में मेले में किसी प्रकार की अराजकता न हो, इसके लिए प्रशासन ठोस कदम उठाए.

Advertisements
Advertisement