डीडवाना-कुचामन : भारतीय युवाओं को विदेश में बनाया गया था साइबर गुलाम, 29 युवाओं की हुई सकुशल स्वदेश वापसी

डीडवाना – कुचामन : म्यांमार, थाईलैंड, कंबोडिया, लाओस जैसे देशों में भारतीय युवाओं को साइबर गुलाम बनाकर उनसे साइबर फ्रॉड करवाने का मामला सामने आया है. इन साइबर गुलामों को म्यांमार ओर थाईलैंड से मुक्त करवाकर राजस्थान के 29 युवाओं को वापस लाया गया है. उनमें डीडवाना – कुचामन जिले के भी 8 युवक मुक्त करवाए गए हैं, जिन्हें पुलिस ने सकुशल उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया है.

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पुलिस की पूछताछ में यह बात सामने आई है कि म्यांमार ओर थाईलैंड से मुक्त कराकर राजस्थान लाए गए युवकों को आईटी सेक्टर में अच्छे वेतन पर जॉब के लालच देकर विदेश ले जाया गया था. वहां इन्हें साइबर गुलाम (साइबर स्लेवरी) बना लिया गया. इन युवाओं को स्थानीय दलालों ने विदेश में ऊंचे वेतन का झांसा देकर विदेह भेजा, जहां से उन्हें ठगी के अड्डों तक पहुंचाया गया. ये दलाल मोटी रकम लेकर न केवल वीजा और टिकट की व्यवस्था करते थे, बल्कि युवाओं को साइबर ठगों के हवाले कर देते थे.

मुक्त कराए गए डीडवाना – कुचामन जिले के एक पीड़ित ने बताया कि उसे कस्टमर सर्विस जॉब का बोलकर थाईलैंड भेजा गया था, जहां से उन्हें कंपनी के बोर्डर के पास शिफ्ट होने की बात कहते हुए बोर्डर क्रॉस करवाकर म्यांमार भेज दिया. यहां बड़े बड़े गैंगस्टर के स्कैम सेंटर चलते हैं, जहां उन्हें बंधक बनाकर रखा गया. वहां चारों ओर आर्मी तैनात रहती है, जो किसी को भी बाहर नहीं निकलने देती.

 

यहां उन्हें 70 से 80 हजार रुपए प्रति माह सैलरी का लालच दिया गया था और साइबर ठगी की ट्रेनिंग देकर उनसे साइबर फ्रॉड करवाया गया. उनसे लगातार 18 घंटे तक काम कराया जाता ओर काम नहीं करने पर यातनाएं दी जाती. जैसे उन्हें खाना नहीं दिया जाता, या अकेले बंधक बना दिया जाता.

डीडवाना – कुचामन जिले के एसपी हनुमान प्रसाद मीणा ने बताया की हाल ही में, म्यांमार थाईलैंड सीमा पर स्थित साइबर अपराध केंद्रों में फंसे 540 भारतीय नागरिकों को सफलतापूर्वक स्वदेश वापस लाया गया है. इनमें से 283 नागरिकों को 10 मार्च 2025 को भारतीय वायुसेना के विशेष विमान द्वारा थाईलैंड के माई सोट से भारत लाया गया. इनमें राजस्थान के 29 और डीडवाना – कुचामन जिले के 8 युवकों को वापस स्वदेश लाया गया है.

 

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