नोएडा के निजी स्कूल में 3 वर्षीय बच्ची के साथ डिजिटल रेप के मामले में अब पैरेंट्स स्कूल प्रशासन के खिलाफ उतर गए हैं. इसी को लेकर शनिवार को भरी संख्या में अभिभावक सुबह स्कूल के गेट पर पहुंच गए. सूचना मिलने के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंच गई. वहीं, कुछ पैरेंट्स ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ डीएम से भी मुलाकात की. जिसके बाद डीएम ने इस मामले में एक टीम का गठन कर दिया है.
दरअसल, कुछ दिन पहले नोएडा के सेक्टर 27 स्थित एक स्कूल में 3 वर्षीय बच्ची के साथ डिजिटल रेप की घटना को अंजाम दिया गया था. बच्ची के परिजनों ने घटना की शिकायत थाना सेक्टर 20 पुलिस को दिया था. जिसके बाद पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
आरोपी को जेल भेज चुकी है पुलिस
जानकारी के मुताबिक आरोपी स्कूल में ही स्वीपर का काम करता है, जिसका नाम नित्यानंद है. जांच के बाद पुलिस ने क्लास टीचर और सिक्योरिटी इंचार्ज को भी गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस के मुताबिक क्लास टीचर और सिक्योरिटी इंचार्ज ने घटना को छिपाने की कोशिश की थी.अब इस मामले में स्कूल में पढ़ने वाले अन्य बच्चों के अभिभावक भी स्कूल प्रशासन के खिलाफ उतर आए हैं.
जानकारी के मुताबिक पैरेंट्स स्कूल प्रशासन से मुलाकात करने के लिए गए थे. लेकिन स्कूल प्रशासन ने मुलाकात करने से इनकार कर दिया. जिसके बाद पैरेंट्स डीएम से मुलाकात करने के लिए आवास पर पहुंच गए. अभिभावकों ने डीएम के सामने कुछ मांगे रखी हैं. मामले में डीएम ने एक टीम का गठन कर दिया है.
डीएम ने गठित की टीम
पैरेंट्स ने बातचीत के दौरान बताया कि स्कूल के अंदर बच्चे सुरक्षित नहीं हैं. ऐसे में हम स्कूल से कुछ मांग कर रहे हैं. साथ ही जो लोग घटना में शामिल हैं उस पर क्या करवाई हुई उसको लेकर भी स्कूल प्रशासन से मिलना चाह रहे हैं. लेकिन स्कूल प्रशासन मुलाकात करने को तैयार नहीं है.
डीएम मनीष कुमार मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि पैरेंट्स पहुंचे थे. शिकायत पर एक टीम का गठन कर दिया गया है. टीम की जांच के बाद एक गाइडलाइंस जारी की जाएगी. गाइडलाइंस का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
क्या है डिजिटल रेप?
नोएडा पुलिस ने बताया कि डिजिटल रेप का मतलब यह नहीं कि किसी लड़की या लड़के का शोषण इंटरनेट के माध्यम से किया जाए. यह शब्द दो शब्द डिजिट और रेप से बना है.अंग्रेजी के डिजिट का मतलब जहां अंक होता है, वहीं अंग्रेजी शब्दकोश के मुताबिक उंगली, अंगूठा, पैर की उंगली, इन शरीर के अंगों को भी डिजिट से संबोधित किया जाता है. जानकारों के मुताबिक डिजिटल रेप से जुड़ी घटनाओं में महिला के प्राइवेट पार्ट में फिंगर्स का इस्तेमाल किया जाता है.
यानी ऐसा यौन उत्पीड़न जो डिजिट से किया गया हो, तब उसे डिजिटल रेप कहा जाता है. इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि किसी महिला के यौन उत्पीड़न के लिए हाथ या पैर की उंगलियों का उपयोग किया गया हो. सीधे तौर पर कहें तो यौन उत्पीड़न के लिए हाथ या पैर की उंगलियों का उपयोग करने की शारीरिक क्रिया. यौन उत्पीड़न के इस पहलू को साल 2013 के आपराधिक कानून संशोधन के माध्यम से बलात्कार की परिभाषा में शामिल किया गया था, जिसने इस अपराध को संशोधित और विस्तारित किया.
साल 2013 के बाद बलात्कार का मतलब अब केवल सहवास तक ही सीमित नहीं है. बल्कि अब एक महिला के मुंह, मूत्रमार्ग, योनि या गुदा में किसी भी हद तक प्रवेश भी रेप की श्रेणी में शामिल है. निर्भया एक्ट का खंड-बी विशेष रूप से कहता है कि किसी भी हद तक प्रवेश, किसी भी वस्तु या शरीर का कोई हिस्सा, जो लिंग नहीं है, वो भी अब बलात्कार की परिभाषा के भीतर है.