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मोहन यादव को दिग्विजय सिंह का अल्टीमेटम, किसानों को DAP नहीं मिला तो उठाएंगे बड़ा कदम

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने राज्य सरकार से किसानों को डीएपी (डायमोनियम फॉस्फेट) खाद उपलब्ध कराने की मांग की है, ताकि राज्य में गेहूं, सरसों और दलहन की फसलों की अच्छी पैदावार हो सके. किसानों के लिए चिंता व्यक्त करते हुए दिग्विजय सिंह ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर एक वीडियो साझा किया और लिखा, “एमपी के किसान हर दिन एक नई समस्या का सामना कर रहे हैं. पहले उन्हें सोयाबीन की फसल का उचित मूल्य नहीं मिला और अब उन्हें सरकार के कुप्रबंधन के कारण डीएपी खाद की अनुपलब्धता का सामना करना पड़ रहा है. हमारी मांग है कि सरकार किसानों को डीएपी उपलब्ध कराए, ताकि गेहूं, सरसों और दलहन आदि की अच्छी पैदावार हो सके.”

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सहकारी समितियों पर समय से खाद का स्टॉक नहीं

कांग्रेस नेता ने आगे दावा किया कि, ”राज्य में बुवाई के समय हमेशा खाद की कमी रहती है.” दिग्विजय सिंह ने वीडियो में कहा, “मध्य प्रदेश में बुआई के समय खाद की हमेशा कमी रहती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि राज्य की अधिकांश सहकारी समितियों पर समय से खाद का स्टॉक नहीं है और सहकारी समितियों के माध्यम से होने वाला खाद का पूरा वितरण अब निजी क्षेत्र को दे दिया गया है. वहां ज्यादातर कालाबाजारी हो रही है. ऐसा इसलिए है क्योंकि मध्य प्रदेश का खाद्य विभाग इस पर लगाम नहीं लगा रहा है.”

8 लाख मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत

दिग्विजय ने यह भी कहा कि, ”राज्य में करीब 8 लाख मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत है लेकिन सिर्फ 1.25 लाख मीट्रिक टन ही उपलब्ध हो पाया है और व्यवस्था में बदलाव की जरूरत है. उन्होंने कहा, “प्रदेश में करीब 8 लाख मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत है, लेकिन सिर्फ 1.25 लाख मीट्रिक टन ही उपलब्ध हो पाया है. अभी तक 70 फीसदी खाद की आपूर्ति संस्थाएं कर रही हैं, लेकिन उसमें भी सिर्फ 15 फीसदी खाद ही उपलब्ध हो पाई है. मेरी हमेशा से मांग रही है कि खाद का वितरण सहकारी समितियों और सरकारी व्यवस्था के माध्यम से होना चाहिए. तभी हम ईमानदारी से खाद का वितरण कर पाएंगे, क्योंकि सहकारी समितियों के गोदाम हर गांव के पास हो चुके हैं, इसलिए व्यवस्था बदलने की जरूरत है.”

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