राजस्थान की राजधानी जयपुर में लगातार हो रही बारिश से हालात खराब हैं. शनिवार को बारिश के बीच आमेर महल (किला) के दिल-ए-आराम बाग की दीवार गिर गई. 200 फीट लंबी दीवार गिरने के साथ तेज धमाका हुआ, जिसे सुनकर लोग मौके पर पहुंचे. गनीमत रही की कोई भी पर्यटक दीवार के आसपास मौजूद नहीं था, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था. हालांकि आमेर किले में मौजूद पर्यटक आवाज सुनकर घबरा गए. बड़ी संख्या में आमेर किले में पर्यटकों की आवाजाही रहती है.
आमेर महल अधीक्षक डॉ. राकेश छोलक ने बताया कि आमेर में हुई भारी बारिश के कारण हादसा हुआ. हाथी स्टैंड से आमेर महल की ओर आने वाले रास्ते में स्थित ज्वाला माता मंदिर के सामने दिल-ए-आराम बाग की दीवार शनिवार को भारी बारिश के चलते गिर गई. दीवार गिरने के कारण रास्ता भी बंद हो गया. हाथियों और पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आमेर महल में होने वाली हाथी सवारी को अग्रिम आदेश तक बंद कर दिया गया है.
बता दें कि आमेर किले का निर्माण 11वीं सदी में शुरू हुआ और 1592 में राजा मान सिंह ने इसे पूरा कराया. यह राजा मान सिंह के वंशज जय सिंह प्रथम और अन्य राजाओं द्वारा विस्तार किया गया था. यह महल कछवाहा राजवंश की कहानी कहता है और अपनी सुंदर वास्तुकला के लिए जाना जाता है, जिसमें भारतीय और मुगल शैली का प्रभाव दिखता है. इसे राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक छोटी पहाड़ी पर बनाया गया है.
आमेर किले को लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से बनाया गया है, जिसमें हिंदू और मुगल वास्तुकला का सुंदर मिश्रण है. इसमें कई प्रांगण, मंदिर और महल हैं, जो इसकी भव्यता को दर्शाते हैं. महल के अंदर एक प्रसिद्ध शीश महल है, जो कांच और शीशों से जड़ा हुआ है और रात में एक मोमबत्ती की रोशनी से जगमगा सकता है.
18वीं शताब्दी में बनाया गया था दिल-ए-आराम बाग
शनिवार को जिस दिल-ए-आराम बाग उद्यान की 200 फीट दीवार गिरी, वह 18वीं शताब्दी में बनाया गया था. यह दिल-ए-आराम बाग माओटा झील के उत्तरी किनारे और आमेर किले के नीचे स्थित है. दिल-ए-आराम बाग उद्यान के नीचे एक और उद्यान है, जिसे रामबाग कहा जाता है और यह दिल आराम बाग से बड़ा है.
हाथी की सवारी पर लगी रोक
फिलहाल हादसे के बाद किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है. दो बाइक दीवार के मलबे में दबने से क्षतिग्रस्त हुई हैं. वहीं पर्यटकों को उस क्षेत्र में जाने से रोका गया है. दीवार का मलबा हटाने और स्थिति सामान्य होने के बाद लोगों को जाने की इजाजत दी जाएगी. वहीं आमेर महल अधीक्षक डॉ. राकेश छोलक ने अग्रिम आदेश तक हाथी सवारी को रोक दिया है.