भारत और चीन ने लंबे समय बाद सीधे हवाई उड़ानों को फिर से शुरू करने पर सहमति दी है. यह कदम गालवान संघर्ष के बाद पांच साल तक तनावपूर्ण रिश्तों के बाद उठाया गया है. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को इसकी आधिकारिक घोषणा की. इसके बाद एयरलाइन IndiGo ने भी ऐलान किया है कि वह 26 अक्टूबर से भारत-चीन के बीच प्रत्यक्ष उड़ानों को फिर से शुरू करेगी.
दरअसल, विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, “इस साल की शुरुआत से ही भारत और चीन के बीच संबंधों को धीरे-धीरे सामान्य करने के सरकार के दृष्टिकोण के तहत दोनों देशों के नागरिक उड्डयन प्राधिकरणों ने तकनीकी स्तर पर वार्ता की है ताकि सीधी हवाई सेवाओं को फिर से शुरू किया जा सके और एयर सर्विसेज एग्रीमेंट में संशोधन किया जा सके.”
सीधी उड़ानें डोकलाम विवाद के बाद बंद कर दी गई थीं और कोविड-19 महामारी के कारण इसे और आगे टाला गया.
अक्टूबर आखिर तक शुरू होंगी फ्लाइट्स
विदेश मंत्रालय के अनुसार, अब बातचीत के बाद तय हुआ है कि भारत और चीन के हवाई मार्गों पर सीधी उड़ानें अक्टूबर 2025 के अंत तक शुरू हो जाएंगी. यह उड़ानें दोनों देशों की एयरलाइंस की व्यावसायिक मंजूरी और सभी संचालन नियमों के पालन पर निर्भर होंगी.
इस समझौते से दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क आसान होगा और द्विपक्षीय रिश्ते धीरे-धीरे सामान्य होंगे.
26 अक्टूबर से फ्लाइट्स को शुरू करेगी IndiGo
IndiGo ने कहा कि हाल की कूटनीतिक पहल के बाद एयरलाइंस ने अपनी सेवाओं को मुख्यभूमि चीन के लिए फिर से शुरू करने की घोषणा की है, जो कोलकाता से ग्वांगझू (CAN) के बीच दैनिक, गैर-स्टॉप उड़ानें 26 अक्टूबर 2025 से संचालित करेगी.
एयरलाइन ने यह भी बताया कि वह दिल्ली और ग्वांगझू के बीच प्रत्यक्ष उड़ानों को जल्द ही शुरू करेगी. इन उड़ानों के संचालन के लिए Airbus A320neo विमानों का उपयोग किया जाएगा. इससे दोनों देशों के बीच व्यापार, रणनीतिक साझेदारियों और पर्यटन के नए अवसरों को पुनःस्थापित किया जा सकेगा.
चीनी विदेश मंत्री के दौरे के बाद लिया गया था फैसला
बता दें कि सीधी उड़ानों को फिर से शुरू करने की पहली घोषणा पिछले महीने चीन के विदेश मंत्री वांग यी की नई दिल्ली यात्रा के बाद की गई थी. पिछले साल से दोनों देशों के रिश्तों में सुधार हो रहा है. 2024 के अंत में देपसांग और डेमचोक में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैनिकों की वापसी और भरोसेमंद कदम उठाने से रिश्ते स्थिर हुए हैं.
इसमें उच्च स्तर की कूटनीतिक और सैन्य बातचीत, ट्रैक-2 बातचीत और कुछ व्यापार प्रतिबंधों में ढील शामिल है. सीधी उड़ानों का फिर से शुरू होना भारत और चीन के बीच सामान्य आदान-प्रदान की दिशा में एक बड़ा कदम है. यह व्यापार, यात्रा और लोगों के बीच संपर्क को आसान बनाने में मदद करेगा.