भारत और चीन के बीच सीधी उड़ान सेवाएं अगले महीने से फिर शुरू हो सकती हैं. ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है. यह कदम दोनों देशों के बीच रिश्तों में सुधार का संकेत माना जा रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सरकार ने एअर इंडिया और इंडिगो जैसी एयरलाइंस से कहा है कि वे चीन के लिए उड़ानें शुरू करने के लिए शॉर्ट नोटिस पर भी तैयार रहें.
दोनों देशों के बीच सीधी हवाई सेवा कोविड-19 महामारी के बाद से बंद है. जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद से भारत-चीन संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं. यह घटना दशकों में दोनों देशों के बीच सबसे गंभीर सैन्य टकराव थी, जिसने रिश्तों में तेज गिरावट ला दी
कई जगहों पर अब भी अनसुलझे हैं
इस झड़प के बाद दोनों देशों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी और कई दौर की सैन्य व कूटनीतिक वार्ताएं कीं. पिछले कुछ वर्षों में कुछ विशेष विवादित क्षेत्रों में डिसएंगेजमेंट हुआ है, लेकिन कई जगहों पर मुद्दे अब भी अनसुलझे हैं, जिससे तनाव बरकरार है.
आर्थिक और लोगों के बीच आपसी संपर्क पर भी इसका असर पड़ा. भारत ने चीनी निवेश पर पाबंदियां लगाईं, आयात पर सख्त जांच शुरू की और महामारी के दौरान सीधी उड़ानों को निलंबित कर दिया. हालांकि हाल के महीनों में दोनों पक्षों के बीच संवाद जारी है और तनाव कम करने के छोटे-छोटे संकेत देखने को मिले हैं.
SCO शिखर सम्मेलन में शामिल होने चीन जाएंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के अंत में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए तियानजिन जाने वाले हैं. यह उनका 2019 के बाद चीन का पहला दौरा होगा. चीन ने पीएम मोदी की यात्रा का स्वागत करते हुए कहा कि उन्हें भरोसा है कि यह शिखर सम्मेलन ‘एकता, दोस्ती और अच्छे नतीजों का मंच’ साबित होगा. पीएम मोदी की यह यात्रा हाल के महीनों में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के SCO से जुड़े चीन दौरे के बाद हो रही है.