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बिना हाथ का दिव्यांग पटवारी, ट्रांसफर के लिए पैरों से लिखी की अर्जी

देवास। दिव्यांग पटवारी ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर पैरों से लिख कर ट्रांसफर का आवेदन दिया. मामला देवास का है, पटवारी को पैरों से ट्रांसफर अप्लीकेशन लिखते देख दंग रह गए. दरअसल देवास के सतवास में पदस्थ पटवारी आमीन मंसूरी के जन्म से ही दोनों हाथ नहीं है. आमीन अपनी व्यक्तिगत परेशानियों के चलते सोनकच्छ स्थानांतरण चाहते हैं.

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आमीन मंसूरी के जन्म से ही दोनों हाथ नहीं है, लेकिन पढ़ाई-लिखाई में उनकी रुचि शुरू से ही थी. उन्होंने हाथ न होने पर हर संभव में इनका चयन करीब एक वर्ष पूर्व पटवारी पद पर हुआ था.इन्होंने पैरों से ही लिखकर पटवारी की परीक्षा भी पास की थी.

आज आमीन मंसूरी कलेक्टर कार्यालय पहुँचे. जहाँ उन्होंने स्थानांतरण की एक अर्जी एडीएम प्रवीण फुलपगारे के नाम अपने पैरों से लिखी. आमीन अपनी व्यक्तिगत परेशानियों के चलते सोनकच्छ स्थानांतरण चाहते हैं.

आमीन मंसूरी देवास जिले के पीपलरावां के निवासी हैं जो सोनकच्छ के समीप है. 31 वर्षीय आमीन के पिता इकबाल मंसूरी टेलरिंग का काम करते हैं. जन्म से ही आमीन के दोनों हाथ नहीं है, लेकिन उसने कभी इसे अपनी कमजोरी नहीं माना. बचपन से ही पढ़ने में होशियार रहा.

पैरों से लिखना सीखा और इसे अपनी ताकत बनाया। कम्प्यूटर भी पैरों से चलाना सीखा. 2012 में कक्षा 11वीं में अध्ययन के दौरान उसने सोलर कूकर का प्रोजेक्ट बनाया था, जो राष्ट्रीय स्तर पर चयनित हुआ. आमीन को इसके लिए पुरस्कृत किया गया. 12वीं तक की पढ़ाई शासकीय स्कूल से की और इंदौर से स्नातक की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद पटवारी की परीक्षा का फार्म भरा. इंदौर में पढ़ाई के दौरान ही पटवारी परीक्षा की तैयारी भ ीकी. परीक्षा के समय भी पैरों से उत्तर लिखे और दिव्यांग श्रेणी की मेरिट सूची में जिले में पहला स्थान प्राप्त किया.

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