राज्य में आपदा की स्थिति को लेकर ‘डिजास्टर मैनेजमेंट रिपोर्ट-2025’ तैयार की गई है। इसमें बाढ़, सूखा और आकाशीय बिजली गिरने जैसी प्राकृतिक आपदा के साथ-साथ मानव निर्मित खतरे को भी प्रदेश के लिए बड़ी चुनौती माना गया है। प्राकृतिक आपदा के लिहाज से 17 जिलों को हाई रिस्क श्रेणी में रखा गया है। वहीं 9 जिले कम खतरे वाले जोन में रखे गए हैं।
राजस्व व आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट बताती है कि पिछले दो दशक में छत्तीसगढ़ ने सूखा, बाढ़, बिजली गिरने, सर्पदंश, कोरोना, चक्रवाती तूफान, लू, डेंगू और मलेरिया से लेकर चिमनी फटने, पटाखों के बारूदी धमाकों, मधुमक्खियों के हमला, बांधों के टूटने, खदान धंसने और टिड्डियों के हमले जैसी घटनाओं का सामना किया है। इसमें बड़े पैमाने पर चान-माल की क्षति हुई है। हाल ही में बस्तर में बाढ़ से भारी तबाही हुई। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की टीम ने बस्तर का दौरा कर हालात का जायजा लिया।
आपदा के आधार पर जिलों की श्रेणी हाई-रिस्क: रायगढ़, रायपुर, दुर्ग, जांजगीर-चांपा, जशपुर, धमतरी, सुकमा, दंतेवाड़ा, दुर्ग, मुंगेली, कबीरधाम, सूरजपुर, सरगुजा, रायगढ़, नारायणपुर, बस्तर, बीजापुर। कम खतरा: कोरिया, बलरामपुर, जशपुर, कोरबा, मारवाही, महासमुंद, धमतरी, कांकेर व कोंडागांव।
राहत-बचाव के इंतजाम: प्रदेश में स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स की सात टीम हैं। इनमें पांच रायपुर, बिलासपुर, सरगुजा, दुर्ग, बस्तर संभाग मुख्यालय में तैनात हैं। दो टीमें रायपुर और बिलासपुर के ट्रेनिंग सेंटर में हैं।
^प्रदेश में सबसे ज्यादा प्राकृतिक आपदा का खतरा आकाशीय बिजली गिरने और निचले स्थानों पर बाढ़ का पानी भर जाने से ही हो सकता है। जिलों को एनडीएमएस से समन्वय बनाकर काम करने के निर्देश दिए हैं। – रीना बाबा साहेब कंगाले, सचिव, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग
एक नजर: छत्तीसगढ़ में बड़ी आपदाएं {2002 – 16 जिलों के 1082 गांव में सूखा {2003- 16 जिलों के 1141 गांव में सूखा {2005 – बाढ़ से 4.96 लाख प्रभावित, 37 मौत। {2006 – 8 जिलों के 2292 गांव में सूखा। {2007 – बिलासपुर, कवर्धा व कोरिया के 777 गांव में सूखा। {2008 – महासमुंद, बिलासपुर, कवर्धा, रायपुर व कांकेर में सूखा। {2014 – चक्रवाती तूफान से 82831 लोग प्रभावित {2015 – 25 जिलों में स्खा, 24.18 लाख किसान प्रभावित। {2016 – भारी बारिश से 329 गांवों के 4682 लोग प्रभावित। {2017 – सूखा से 21 जिलों के 96 लाख किसान प्रभावित। {2018 – बाढ़ से 7 जिलों के 12 हजार लोग प्रभावित {2020 – कोविड से 28 जिलों में 3565 की मौत। {2020 – बाढ़ से 6 जिलों में 35 मरे, 24369 मकान ध्वस्त।