भोपाल। कला समूह भोपाल ग्वालियर घराने की विख्यात गायिका विदूषी वीणा सहस्त्रबु़द्धे की स्मृति में प्रत्येक वर्ष किए जाने वाले शास्त्रीय संगीत का समारोह आयोजित करने जा रहा है. शनिवार 29 जून को स्थानीय कुक्कुट भवन सभागार में आयोजित इस समारोह में अपने गुरू को स्वरांजलि देगीं उनकी ही शिष्या ग्वालियर घराने की सुप्रसिद्ध गायिका भोपाल की ही सुलेखा भट और अतिथि कलाकार के रूप में अपनी प्रस्तुति देने के लिये हुबली कर्नाटक से आमंत्रित है पद्मविभूषण डॉ. गंगूबाई हंगल के शिष्य पंडित अशोक नाडगिर.
इसी अवसर पर सुलेखा भट की सुयोग्य शिष्या निहारिका जया अरूण भी गुरूस्मृति में स्वरों से श्रृ़द्धांजलि देंगी. कला समूह के अध्यक्ष राजेश भट ने बताया कि संगीत नाटक अकादमी पुरूस्कार से सम्मानित विदुषी वीणा सहस्त्रबु़द्धे ने देश विदेश में भारतीय शास्त्रीय संगीत का प्रचार प्रसार किया. उनके गायन में उच्च दर्जे का संतुलन, दमदारी और लयकारी थी जो सहज ही श्रोताओ को सम्मोहित कर लेती थी. देश विदेश में उनके अनेक शिष्य शिष्याएं है. मध्यप्रदेश की उनकी शिष्या सुलेखा भट वर्तमान में उनकी संगीत धरोहर को सहेजते हुए आगे ले जाने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहीं हैं. अपने प्रशंसकों के बीच वीणा ताई के नाम से प्रसिद्ध वीणा सहस्त्रबुद्धे की स्मृति में कला समूह भोपाल विगत आठ वर्षों से निरन्तर संगीत समारोह आयोजित कर रहा है.
कला समूह द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में जिसमें अभी तक देश के अनेक विख्यात कलाकार अपनी प्रस्तुति देने आ चुके हैं. जिनमें पंडित संतोष नाहर, पंडित हरीश तिवारी, पं संतोष संत, पं. चेतन जोशी, सानिया पाटनकर, पं. अमरेन्द्र धनेश्वर, निवेदिता चौधरी, शोभा चौधरी, वृषाली देशमुख आदि शामिल है. इस वर्ष आठवें वीणा सहस्त्रबुद्धे स्मृति समारोह में आमंत्रित गायक कलाकार किराना घराने के मूर्घन्य गायक सवाई गंधर्व के जन्म स्थान गडग कर्नाटक के पं. अशोक नाडगिर हैं. पं. अशोक नाडगिर पद्मविभूषण डॉ. गंगूबाई हंगल के गन्डाबन्ध शिष्य हैं. आपकी गायकी में किराना घराने के सवाई गंधर्व, भारतरत्न पं. भीमसेन जोशी की गायकी की विशेषताएं देखने को मिलती है.
इसी समारोह में विदूषी वीणा सहस्त्रबुद्धे की शिष्या सुलेखा भट भी अपनी गुरू को स्वरांजलि देंगी। सुलेखा अपनी गायकी से ग्वालियर घराने और मध्यप्रदेश का नाम रोशन कर रहीं है. आपकी गायकी में ग्वालियर घराने की विशेषताएं दृष्टिगोचर होती हैं जिनमें सिलसिलेवार स्वर विस्तार , भावपूर्ण और खुले गये की गायकी शामिल है. कार्यक्रम में ही सुलेखा भट की गन्डाबंध सुयोग्य शिष्या निहारिका जया अरूण भी गायकी की परम्परा का निर्वहन करते हुएं अपनी प्रस्तुति देंगीं. कार्यक्रम स्थानीय कुक्कुट भवन ऑडिटोरिम में 29 जून शनिवार को शाम 6.30 बजे से आरम्भ होगा और ये सभी संगीत प्रेमियों के निशुल्क है.