जबलपुर : पुलिस कप्तान, एएसपी जैसे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के संज्ञान में अगर कोई पीड़ित पक्ष का मामला आता है तो वह इस पर संवेदनशीलता दिखाते हुए तत्काल अधीनस्थ कर्मचारियों को कार्रवाई करने के निर्देश देते हैं.ले किन अधीनस्थ अधिकारी-कर्मचारी अपनी अलग ही व्यस्तता का बखान करते हुए पुलिस कप्तान के निर्देश के पालन करने में भी 48 घंटे लगा देते हैं जबकि हर चौकी हर थाने में इतना बल मौजूद है कि कम से कम पुलिस कप्तान के निर्देशों के पालन में तो हीला-हवाली नहीं होनी चाहिए.
यह सीधे तौर पर अपने कप्तान और वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश के परिपालन में अवहेलना की मंशा को झलकाता है. ऐसा ही एक मामला संजीवनी नगर थाना अंतर्गत धनवंतरी नगर चौकी का सामने आया है.जहां संजीवनी नगर टीआई बीडी द्विवेदी और धनवंतरी नगर चौकी प्रभारी आशुतोष मिश्रा ने सड़क एक्सीडेंट की एफआईआर लिखने में आठ दिन गुजार दिए.
जब मामला 30 जनवरी को कप्तान संपत उपाध्याय के संज्ञान में आया तो उन्होंने पीड़ित पक्ष को आश्वासन देते हुए अगले दिन एफआईआर होने की बात कही.बावजूद इसके 48 घंटे बाद खुद घायल चौकी पहुंचा तब जाकर उसकी रिपोर्ट दर्ज की गई.
22-23 की दरमियानी रात हुई घटना-
घटना के संबंध में सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सुधा विहार रामपुर निवासी वेयर हाउस संचालक दीपक पटेल 22 जनवरी को अपने वेयर हाउस गोसलपुर ग्राम सिलुआ गए थे. रात करीब 2 बजे जब वह घर लौट रहे थे तभी धनवंतरी नगर चौकी अंतर्गत निशान कार शोरूम के समीप तेज रफ्तार अज्ञात ट्रक चालक ने उनकी एक्सयूवी क्रमांक एमपी 20 सीजी 2976 को टक्कर मार दी.टक्कर इतनी भीषण थी उनकी गाड़ी डिवाइडर में चढ़कर पलट गई. जिसमें उनके हाथ में कई जगह फ्रैक्चर, मुंह, नाक में गंभीर चोट पहुंची थी.
24 को अस्पताल से पहुंच गई तहरीर-
घटना के बाद घायल को 108 की सहायता से त्रिवेणी हेल्थ केयर में भर्ती कराया गया जहां 24 को ऑपरेशन के पहले अस्पताल से संजीवनी नगर पुलिस को बतौर तहरीर भेजकर सूचना दी गई. 27 जनवरी को अस्पताल से डिस्चार्ज उपरांत वह घर पहुंच गए. लेकिन पुलिस ने एफआईआर तो दूर की बात बयान लेना तक उचित नहीं समझा. जिसके बाद घायल पक्ष के लोगों ने कप्तान उपाध्याय को घटना की सूचना दी.जिसके बाद कप्तान ने सीएसपी गोरखपुर एचआर पांडेय को निर्देशित कर अविलंब एफआईआर करने का फरमान दिया.
खुद पहुंचा चौकी तब हुई जीरो पर कायमी
पीडि़त दीपक पटेल ने बताया कि घटना में उसकी कार पूरी तरह से डैमेज हो गई थी.बगैर एफआईआर के कंपनी में इंश्योरेंस को लेकर बार-बार इश्यू बन रहा था.जिसकी जानकारी उनके द्वारा सीएसपी पांडेय को भी बताया था.जिस पर उन्होंने अगले दिन एफआईआर की बात कहीं.लेकिन जब कोई नहीं आया तो मजबूरी में उनको खुद घायल अवस्था में चौकी जाना पड़ा.जहां चौकी प्रभारी की मौजूदगी में उनकी एफआईआर दर्ज की गई.
एक दूसरे पर फोड़ते रहे ठीकरा
इस पूरे घटनाक्रम में खास बात यह थी कि घटना के संबंध में टीआई द्विवेदी और चौकी प्रभारी मिश्रा को घटना के अगले दिन से अस्पताल द्वारा सूचना दिए जाने की जानकारी थी. लेकिन दोनों एक-दूसरे की व्यस्तता का हवाला देकर ठीकरा फोड़ते रहे.लेकिन जब बात कप्तान तक पहुंची उसके बाद सीएसपी के बार-बार बोलने पर भी दोनों के कानों में जूं तक नहीं रेंगी गई. हालांकि प्रकरण पर कप्तान ने सख्त रूख अख्तियार कर लिया है.