छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के लमेर घाट में अवैध रेत खनन को लेकर रेत माफिया के बीच खूनी संघर्ष हुआ। रेत के घाटों पर वर्चस्व को लेकर हुए विवाद में गोली चल गई। एक युवक के पैर में गोली लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल युवक को बिलासपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मामला कोटा थाना क्षेत्र का है। जानकारी के अनुसार घायल युवक गिरजाशंकर (दीपक) यादव ग्राम लमेर का निवासी है। उसे प्राथमिक इलाज के बाद गंभीर स्थिति में अस्पताल ले जाया गया। घायल को अस्पताल पहुंचाने और भर्ती कराने वाले युवक की पहचान छबि यादव के रूप में हुई है।
2 गुटों के बीच बहस हिंसक झड़प में बदली
यह घटना तब हुई जब घाट के स्वामित्व को लेकर रेत माफियाओं के दो गुटों के बीच बहस हुई, जो बाद में हिंसक झड़प में बदल गई। विवाद के दौरान एक पक्ष ने फायरिंग कर दी, जिससे गिरजाशंकर यादव को गोली लगी।
स्थानीय सूत्रों और पुलिस जांच में सामने आया है कि इस घटना के पीछे अवैध रेत कारोबार में संलिप्त एक संगठित गिरोह का हाथ है। इस गिरोह में शामिल अन्य नाम सामने आए हैं, जिनमें दीपक रजक प्रमुख है, जो कि घुटकू समिति के अध्यक्ष का भाई बताया जा रहा है।
कोटा पुलिस ने मामले में FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। घटना में शामिल सभी व्यक्तियों की पहचान कर उनकी धरपकड़ के प्रयास जारी हैं। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और पूरे रेत माफिया नेटवर्क पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
घायल युवक बोला- गलती से फायर
इस घटना की जानकारी मिलते ही कोटा थाना प्रभारी राज सिंह, SDOP नुपूर उपाध्याय ने घटना की जानकारी ली, जिसके बाद घायल युवक से पूछताछ की। इस दौरान घायल गिरजा शंकर यादव ने बताया कि उसे जंगल में पिस्टल मिला। जिसे कॉक करने के बाद छूते ही फायर हो गया और उसके पैर में गोली लग गई।
SDOP बोलीं- जांच के बाद पता चलेगी सच्चाई
SDOP नुपूर उपाध्याय का कहना है कि घायल युवक ने खुद से गोली चलने की बात कही है। लेकिन, उसकी बातों पर भरोसा नहीं हो रहा है। युवक जंगल में पिस्टल मिलने का दावा कर रहा है। ऐसे में घटना की सच्चाई जानने की कोशिश की जा रही है।
मामले में अन्य लोगों से पूछताछ कर जानकारी जुटाई जा रही है। जांच के बाद ही गोली चलने के सही कारणों का पता चल सकेगा। बता दें कि घायल युवक पीडीएस की दुकान चलाता है। ऐसे में वह जंगल क्यों गया और उसे अचानक पिस्टल कहां से मिला, ऐसे कई सवाल हैं, जिसका जवाब पुलिस के पास भी नहीं है।