देश के कई राज्यों में इन दिनों भाषा को लेकर लगातार हिंसा की खबरें सामने आ रही हैं. जिसको लेकर राजनीति भी गरमा गई है. इस बीच बीएसपी प्रमुख और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का बयान सामने आया है. उन्होंने भाषा को लेकर विवाद और हिंसा पर चिंता जाहिर करते हुए इसे घातक करार दिया है. उन्होंने कहा कि धर्म, क्षेत्र, जाति और भाषा आदि की संकीर्ण राजनीति लोगों की देशभक्ति पर हावी होने का प्रयास करती है.
बीएसपी प्रमुख ने कहा कि हर भारतीय को भारतीयता पर गर्व करके कार्य करना चाहिए. उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि वह संज्ञान लेकर लोगों की जान-माल की रक्षा करे. उन्होंने कहा कि धर्म, जाति, क्षेत्र और भाषा पर आधारित संकीर्ण राजनीति, देशभक्ति और राष्ट्र प्रेम को कमजोर कर देती है.
भाषा और जातीय हिंसा पर जताई चिंता
राजधानी लखनऊ में हुई पार्टी की बैठक में मायावती ने महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में संगठन की तैयारियों और जनाधार बढ़ाने समेत कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने भाषा एवं जातीय हिंसा आदि के बढ़ते रोग पर गंभीर चिंता जताई. मायावती ने केंद्र और राज्य की सरकारों से कानून-व्यवस्था के साथ-साथ महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, शिक्षा तथा स्वास्थ्य आदि जैसे जनहित के जरूरी मुद्दों पर खास ध्यान देने की मांग की.
‘लोगों की सुरक्षा करे सरकार’
पूर्व मुख्यमंत्री ने खासतौर से महाराष्ट्र और तमिलनाडु आदि राज्यों में भाषाई विवाद व उसको लेकर हिंसा पर चिंता जाहिर की. उन्होंने ने कहा कि ऐसी प्रवृत्ति घातक है और यह सब तब होता है जब धर्म, क्षेत्र, जाति व भाषा आदि की संकीर्ण राजनीति लोगों की देशभक्ति और उनके देश प्रेम पर हावी होने का प्रयास करती है. उन्होंने कहा कि मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है जहां से सभी राज्यों के लोगों का सीधा वास्ता है. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों से मांग की कि मुंबई में रहने वाले लोगों की जान माल और मजहब की सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चित करनी चाहिए.
कर्नाटक सरकार पर मायावती का हमला
इसके साथ ही बीएमपी प्रमुख ने कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी और उसकी सरकार के अंदर राजनीतिक गुटबाजी टकराव से उत्पन्न अस्थिरता के माहौल की ओर संकेत करते हुए कहा कि इससे कानून का राज प्रभावित हो रहा है. उन्होंने कहा कि तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल में हालांकि अलग-अलग पार्टी एवं गठबंधन की सरकार हैं लेकिन वहां भी ‘सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ की स्थिति कोई अलग और बेहतर नहीं है.
‘घड़ियाली आंसू बहाने वाले लोगों की कोई कमी नहीं’
इसके अलावा मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा वो हर मुसीबत के समय पूरी निष्ठा के साथ अपनी सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंदों की मदद जरूर करें, क्योंकि मजलूम ही मजलूम का सही मददगार हो सकता है, वरना राजनीतिक स्वार्थ के लिए घड़ियाली आंसू बहाने वाले लोगों की कोई कमी नहीं है. उन्होंने सातों राज्यों के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं से संगठनात्मक प्रगति के बारे में जानकारी ली और आवश्यक दिशा निर्देश दिए.
बैठक में मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से कहा कि वे अपने-अपने राज्यों में मौजूद कमियों पर ध्यान दें और उन्हें दूर करें. इसके साथ ही आंबेडकरवादी मूल्यों जैसे मानवतावादी सोच, ईमानदार चरित्र और स्वाभिमानी नेतृत्व को बनाए रखते हुए बाबा साहब आंबेडकर के आत्म-सम्मान और स्वाभिमान के आंदोलन को आगे बढ़ाएं.