केंद्रीय कैबिनेट बैठक में बुधवार को कई बड़े ऐलान किए गए हैं. रेलवे कर्मचारियों के लिए प्रोडक्टिविटी बोनस को मंजूरी दे दी गई तो वहीं शिपब्लिडिंग के लिए नया रिफॉर्म लाया गया है, जो करीब 70 हजार करोड़ रुपये का है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक में हुए फैसले के बारे में जानकारी दी.
10.90 लाख कर्मचारियों को दिवाली गिफ्ट
दिवाली से पहले ही रेलवे कर्मचारियों को बड़ा तोहफा देते हुए कैबिनेट ने प्रोडक्टिविटी बेस्ड बोनस की मंजूरी दे दी है. अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 10.90 लाख कर्मचारियों के लिए बोनस दिया जा रहा है. कैबिनेट ने रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों के प्रोडक्टिविटी से जुड़े बोनस के रूप में 1865.68 करोड़ रुपये के भुगतान को मंजूरी दी है.
पहले से हो रही थी बोनस की मांग
भारतीय रेलवे कर्मचारी महासंघ (IREF) ने कहा था कि बोनस में बढ़ोतरी और मंजूरी जल्द की जानी चाहिए. अभी ₹7,000 प्रति माह के आधार पर उत्पादकता से जुड़े बोनस दिया जा रहा है, लेकिन इसे 18000 रुपये प्र69,725 करोड़ का रिफॉर्म
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट ने भारत के जहाज निर्माण और समुद्री क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए 69,725 करोड़ रुपये के रिफॉर्म पैकेज को मंजूरी दी, जिसमें जहाज निर्माण, समुद्री फंडिंग और घरेलू क्षमता को बढ़ावा देने पर केंद्रित एक व्यापक 4-स्तंभ नजरिया शामिल है.
104Km पर डबलिंग का काम
कैबिनेट बैठक में बख्तियारपुर-राजगिर-तिलैया के बीच सिंगल रेलवे लाइन है, जिसे डबल करने की मंजूरी दी गई है. बिहार के करीब 104 किलोमीटर पर रेलवे लाइन डबल करने के काम को मंजूरी मिली है, जिसकी लागत 2,192 करोड़ रुपये है. बिहार राज्य के चार जिलो को कवर करने वाली यह परियोजना भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 104 किलोमीटर तक बढ़ा देगी.
परियोजना खंड राजगीर (शांति स्तूप), नालंदा, पावापुरी आदि जैसे प्रमुख स्थलों को भी रेल संपर्क प्रदान करता है, जिससे देश भर से तीर्थयात्री और पर्यटक आकर्षित होंगे. मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं से लगभग 1,434 गांवों और लगभग 13.46 लाख आबादी और दो आकांक्षी जिलों (गया और नवादा) तक कनेक्टिविटी बढ़ेगी.
4 लेन कंस्ट्रक्शन को मंजूरी
कैबिनेट ने बिहार में NH-139W के साहेबगंज-अरेराज-बेतिया खंड के हाइब्रिड एन्युइटी मोड (HAM) पर 4-लेन कंस्ट्रक्शन को मंजूरी दी है. इस प्रोजेक्ट की कुल लंबाई 78.942 किलोमीटर होगी और इसकी लागत 3,822.31 करोड़ रुपये होगी. प्रस्तावित 4 लेन ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट का उद्देश्य राज्य की राजधानी पटना और बेतिया के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनान है, जो उत्तर बिहार के वैशाली, सारण, सीवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण जिलों को भारत-नेपाल सीमा से लगे क्षेत्रों तक जोड़ेगा.