भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अब विवाह समारोह या अन्य कार्यक्रमों में मनचाहे ढंग से डीजे साउंड और लाउडस्पीकर नहीं बजा पाएंगे. इसको लेकर भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने आदेश जारी कर दिए हैं. धारा 163 के अंतर्गत जारी की गई, इस गाइडलाइन में कहा गया है कि अब रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक सभी प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा. नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
लायसेंस लेना अनिवार्य होगा
दरअसल, अब तक लोग शहर में डीजे साउंड का संचालन करने के लिए किसी प्रकार का लाइसेंस नहीं लेते थे, जिससे सरकार को राजस्व का घाटा तो होता ही था, साथ ही शहर में कितने डीजे साउंड मौजूद हैं इसकी जानकारी भी जिला प्रशासन के पास नहीं रहती है. ऐसे में कलेक्टर ने डीजे साउंड संचालन के लिए लाइसेंस अनिवार्य कर दिया है. अब सभी डीजे संचालकों, होटल, रेस्टोरेंट और बार को अपने डीजे यूनिट संचालन के लिए नियमानुसार लाइसेंस लेना पड़ेगा.
डीजे यूनिट में केवल एक साउंउ सिस्टम
नए नियमों के मुताबिक, डीजे संचालकों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्देश यह है कि अब डीजे यूनिट पर केवल एक साउंड सिस्टम ही लगाया जा सकेगा. इस साउंड सिस्टम की ध्वनि को निर्धारित मापदंडों के अनुसार नियंत्रित रखा जाएगा. ताकि इससे होने वाला शोर मानकों के अंदर हों. यह कदम शहर में ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने और यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि सभी स्थानों पर संगीत और शोर का स्तर सुरक्षित और नियंत्रित रहे.
नियमों के उल्लंघन पर होगी जब्ती और जुर्माना
कलेक्टर के द्वारा जारी निर्देश में स्पष्ट कहा गया है कि यदि तय नियमों का डीजे संचालकों द्वारा पालन नहीं किया जाता है तो सामान जब्ती करने के साथ ही प्रशासन द्वारा संचालकों से जुर्माना भी वसूला जाएगा. जिले के सभी धार्मिक स्थल, औद्योगिक क्षेत्रों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और आवासीय क्षेत्रों में लाउडस्पीकर और डीजे जैसे ध्वनि विस्तारक यंत्रों का अनियंत्रित उपयोग तथा नियमों के खिलाफ उपयोग पर रोक लगाई गई है. रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक किसी भी प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग, चाहे वह लाउडस्पीकर हो या डीजे, पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा. यह निर्णय सार्वजनिक आपात स्थिति को छोड़कर लागू होगा.