माफी मांगें डीके शिवकुमार… RSS का गीत गाने से कांग्रेस में दो फाड़

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री व राज्य कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार के सामने मुश्किल खड़ी होती जा रही है. दरअसल, राज्य विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सदन में उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का गीत गाया, जोकि पार्टी के नेताओं को नागवार गुजरा है. पार्टी के भीतर विरोध के सुर पनपने लग गए हैं. इसको लेकर वरिष्ठ नेता और कांग्रेस एमएलसी बीके हरिप्रसाद ने उपमुख्यमंत्री शिवकुमार से माफी मांगने का मांग की है.

दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान हरिप्रसाद ने कहा कि उपमुख्यमंत्री के तौर पर आरएसएस का राष्ट्रगान गाने पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर उपमुख्यमंत्री शिवकुमार के लिए ऐसा करना ठीक नहीं था. उन्हें माफी मांगनी चाहिए.

‘RSS के सदस्य महात्मा गांधी की हत्या के लिए जिम्मेदार’

हरिप्रसाद ने कहा, ‘बीजेपी स्वाभाविक रूप से ऐसे घटनाक्रमों का स्वागत करेगी. देश में आरएसएस पर तीन बार प्रतिबंध लगाया जा चुका है. अगर वह उपमुख्यमंत्री के तौर पर यह गीत गाते, तो कोई आपत्ति नहीं होती. सरकार सभी की होती है, अच्छे लोगों की, आरएसएस के सदस्यों की और यहां तक कि तालिबानियों की भी, लेकिन वह (शिवकुमार) प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर आरएसएस का गीत नहीं गा सकते. ऐसे में उन्हें माफी मांगनी चाहिए.’

उन्होंने कहा, ‘आरएसएस के सदस्य महात्मा गांधी की हत्या के लिए जिम्मेदार थे. इस पृष्ठभूमि में शिवकुमार को माफी मांगनी चाहिए. मुझे नहीं पता कि आरएसएस का गीत गाने का संदेश किसके लिए है. शिवकुमार किसान, व्यापारी, राजनेता सहित कई भूमिकाएं निभाते हैं, लेकिन महात्मा गांधी की हत्या करने वाले संगठन का गीत गाकर संदेश किसी तक भी पहुंच सकता है.’ वहीं, पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक केएन राजन्ना ने कहा कि पार्टी में शिवकुमार के लिए अलग नियम लागू होते हैं.

शिवकुमार के करीबी ने किया बचाव

राजन्ना ने कहा, ‘वह आरएसएस का गीत गा सकते हैं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ किसी कार्यक्रम में हिस्सा ले सकते हैं और महाकुंभ मेले में भी शामिल हो सकते हैं, भले ही यह पार्टी के हितों के खिलाफ हो.’ शिवकुमार के करीबी सहयोगी कांग्रेस विधायक एच.डी. रंगनाथ ने उनका बचाव करते हुए कहा, ‘यह एक बंद अध्याय है. विधानसभा के मानसून सत्र में शिवकुमार द्वारा इसे गाए जाने के बाद मैंने इसका अर्थ जांचा और पाया कि यह बस उस धरती को नमन करने के बारे में है जिसने आपको जन्म दिया है. इसमें कुछ भी गलत नहीं है. हमारी पार्टी धर्मनिरपेक्ष है, लेकिन अच्छी बातों को मान्यता दी जानी चाहिए. कांग्रेस और आरएसएस की विचारधाराएं कभी मेल नहीं खाएंगी.’

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