कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार हाल ही में विधानसभा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का एंथम गाने को लेकर विवादों में आ गए। बीजेपी ने इस मुद्दे पर उन्हें घेरना शुरू किया तो कांग्रेस नेता ने सफाई पेश करते हुए कहा कि उनका इरादा केवल मजाक में विपक्ष पर तंज कसने का था, न कि आरएसएस की प्रशंसा करना। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर किसी की भावनाएं आहत हुई हों तो वे खेद प्रकट करते हैं और माफी मांगते हैं।
शिवकुमार ने कहा कि वे जन्म से कांग्रेसी हैं और अंतिम सांस तक कांग्रेस के साथ रहेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी अलग-अलग राजनीतिक दलों में दोस्ती और रिश्ते जरूर हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उनकी निष्ठा कांग्रेस से हट गई है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस हाईकमान ने उनसे माफी मांगने के लिए कभी नहीं कहा और वे स्वयं ही यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि उनकी निष्ठा कांग्रेस और गांधी परिवार के प्रति अटूट है।
उन्होंने अपने बयान में याद दिलाया कि वे 1980 से कांग्रेस और गांधी परिवार के साथ हैं और राजनीति में आने से पहले विभिन्न राजनीतिक दलों का इतिहास पढ़ चुके हैं। उनके अनुसार, विधानसभा में उन्होंने एंथम केवल विपक्षी बीजेपी की खिंचाई करने के लिए गाया था, लेकिन कुछ लोग इसे राजनीतिक रंग देकर गलत संदेश फैला रहे हैं।
आरएसएस का एंथम गाने के बाद सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में उनकी बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगाई जाने लगी थीं। इन कयासों को खारिज करते हुए शिवकुमार ने कहा कि उनका कांग्रेस छोड़ने का कोई इरादा नहीं है और वे पूरी तरह पार्टी के साथ खड़े हैं।
उन्होंने ईडी की जांच के दौरान तिहाड़ जेल में बिताए दिनों का भी जिक्र किया और कहा कि उनकी विचारधारा और निष्ठा सबको पता है। वे अपने राजनीतिक जीवन और विचारधारा को लेकर किसी प्रकार का संदेह पैदा नहीं करना चाहते। शिवकुमार ने कहा कि उनका उद्देश्य किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था, बल्कि वे केवल हल्के-फुल्के अंदाज में विपक्ष पर टिप्पणी कर रहे थे।