सोनभद्र : जिले में डॉक्टर की लापरवाही के कारण एक मासूम की मौत हो गई है. वहीं, इस पूरे मामले में डीएम बी.एन. सिंह ने डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. दरअसल यह पूरा मामला सोनभद्र के पिंडारी बाजार का है, जहां एक झोलाछाप डॉक्टर पर बच्चे का गलत इलाज करने का आरोप है.
दरअसल, पिंडारी बाजार में एक बच्चा खेल-खेल में चोटिल हो गया था. परिजनों द्वारा उसे इलाज के लिए वहीं के एक झोलाछाप डॉक्टर के पास ले जाया गया, जहां डॉक्टर के द्वारा बच्चे को इंजेक्शन लगाया गया. इंजेक्शन लगने के कुछ देर बाद ही उसकी हालत बिगड़ने लगी और उसकी मौत हो गई.
जांच दल गठित
वहीं, इस पूरे मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने डॉ. कीर्ति आजाद बिंद के नेतृत्व में एक जांच दल गठित की है. इस दल ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और पाया कि कथित चिकित्सक महेश कुमार शर्मा का क्लीनिक बंद था और वह मौके पर मौजूद भी नहीं था. टीम ने क्लीनिक को सीज करते हुए आगे की कार्रवाई में जुट गई है. जांच में यह भी सामने आया है कि महेश कुमार शर्मा के पास लाइसेंस नहीं था और वह बिना किसी योग्यता के चिकित्सा कार्य कर रहा था. जांच दल ने इस पूरे मामले में महेश कुमार शर्मा के खिलाफ लापरवाही बरतने व गलत तरीके से इलाज करने के संबंध में संबंधित थानाध्यक्ष को प्रार्थना पत्र सौंपा है.
इंजेक्शन से हालत बिगड़ी
गौरतलब हो कि पिछले दिनों गुरुवार को जिले के बीजपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सभा पिंडारी के टोला मनरहवा में एक झोलाछाप डॉक्टर के इंजेक्शन से 8 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई थी. बच्चे के दादा के मुताबिक गुरुवार की शाम उनका नाती घर के पास पुलिया पर गांव के बच्चों संग खेल रहा था उसी दौरान उसके पैर में पत्थर से चोट लग गई जिससे पैर से खून बहने लगा था. बच्चे को इलाज के लिए गांव के डॉक्टर मधु सरकार के दवाखाना ले जाया गया, जहां उनके सहायक महेश ने पट्टी मरहम के बाद एक इंजेक्शन लगाया जिसके बाद उनका नाती अचेत हो गया.
बालक को मृत घोषित कर दिया
बच्चे की गंभीर हालत को देखते हुए झोलाछाप डॉक्टर बालक को लेकर परिवार संग एनटीपीसी रिहंद के धनवंतरी चिकित्सालय ले गए, जहां चिकित्सकों ने बालक को मृत घोषित कर दिया. बच्चे की मौत की सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर अग्रिम विधिक कार्रवाई शुरू कर दी थी.
क्लीनिक को सील कर दिया
जिलाधिकारी ने भी सख़्त रुख अपनाते हुए ऐसे लोगों पर कार्रवाई के निर्देश दिए. वहीं, मौके पर पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने क्लीनिक को सील कर दिया है. जांच में पता चला कि डॉक्टर के पास कोई वैध लाइसेंस नहीं था. पुलिस ने डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.