DMK सांसद कनिमोझी ने भारत की राष्ट्रीय भाषा पर स्पेन में दिया ऐसा जवाब, तालियों से गूंज उठा पूरा हॉल…

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के आउटरीच प्रोग्राम के तहत स्पेन में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहीं डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने सोमवार को मैड्रिड में प्रवासी भारतीयों के एक समू​ह को संबोधित किया. इस दौरान उनसे एक प्रवासी भारतीय ने सवाल किया कि भारत की राष्ट्रीय भाषा क्या होनी चाहिए और इसे लेकर उनका क्या रुख है? इस प्रश्न का कनिमोझी ने बहुत चतुराई से सधा हुआ जवाब दिया, जिसे सुनकर हॉल में मौजूद लोग खुद को ताली बजाने से नहीं रोक सके.

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भारत की राष्ट्रीय भाषा के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में डीएमके सांसद ने कहा, ‘मुझे लगता है कि भारत की राष्ट्रीय भाषा अनेकता में एकता है. यह संदेश यह प्रतिनिधिमंडल दुनिया के सामने लेकर आया है.’ उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय स्पेन में भारत का संदेश फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. कनिमोझी ने कहा, ‘प्रवासी समुदाय लोगों को यह बताने और समझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं कि भारत शांति चाहता है. हमारा स्वतंत्रता संग्राम शांति यानी अहिंसा पर आधारित था. आप लोगों को प्रभावित कर सकते हैं और उनकी राय बना सकते हैं.’

भारत की राष्ट्रीय भाषा को लेकर कनिमोझी के मैड्रिड में दिए गए जवाब की चर्चा इसलिए भी हो रही है, क्योंकि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में प्रस्तावित त्रि-भाषा नीति पर केंद्र को चुनौती देने में उनकी पार्टी डीएमके की अग्रणी भूमिका के बीच आया है. यह टिप्पणी महत्वपूर्ण है क्योंकि डीएमके ने लगातार तर्क दिया है कि एनईपी में त्रिभाषा नीति गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोपती है. तमिल अस्मिता की बात करने वाली और द्वि-भाषा प्रणाली (तमिल और अंग्रेजी) की प्रबल समर्थक डीएमके राष्ट्रीय शिक्षा नीति में की गई त्रि-भाषा की व्यवस्था को संघवाद और क्षेत्रीय स्वायत्तता का अपमान मानती है.

हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा संपर्क भाषा के रूप में हिंदी के महत्व को दोहराए जाने के बाद यह विवाद फिर से भड़क गया, जिसकी डीएमके नेताओं ने तीखी आलोचना की और केंद्र पर शैक्षिक सुधार की आड़ में ‘हिंदी-हिंदुत्व एजेंडा’ को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया. कनिमोझी के नेतृत्व में स्पेन, ग्रीस, स्लोवेनिया, लातविया और रूस जाने वाला सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल उन सात बहुदलीय समूहों में से एक है, जिन्हें भारत ने पाकिस्तान की गतिविधियों और भारत की आतंकवाद-रोधी प्रतिक्रिया पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ बातचीत करने के लिए 33 देशों की राजधानियों का दौरा करने का जिम्मा सौंपा है.

डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि के नेतृत्व वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में राजीव राय (समाजवादी पार्टी), मियां अल्ताफ अहमद (जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस), ब्रिजेश चौटा (भाजपा), प्रेम चंद गुप्ता (राष्ट्रीय जनता दल), अशोक कुमार मित्तल (आम आदमी पार्टी), और पूर्व राजनयिक मंजीव एस पुरी और जावेद अशरफ शामिल हैं. शशि थरूर (कांग्रेस), रविशंकर प्रसाद (भाजपा), जय बैजयंत पांडा (भाजपा), संजय कुमार झा (जेडीयू), सुप्रिया सुले (एनसीपी-एसपी) और श्रीकांत एकनाथ शिंदे (शिवसेना) के नेतृत्व में ऐसे ही 6 और सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों की राजधानियों का दौरा कर रहे हैं और आतंक के खिलाफ भारत की शून्य सहिष्णुता की नीति को पहुंचा रहे हैं.

 

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