5 साल से कम उम्र के बच्चों को भूलकर भी न दें ये फूड्स, जानें वजह..

छोटे बच्चों को खाना खिलाना एक बेहद मुश्किल काम होता है। क्योंकि वे पौष्टिक आहार में दिलचस्पी नहीं लेते हैं। इसलिए उनके लिए खाने को दिलचस्प तरीके से बना कर सर्व करना जरूरी हो जाता है।

बच्चे को पौष्टिक आहार देना भी जरूरी है। मगर, जब बच्चे खाना नहीं खाते हैं, तो पेरेंट्स मजबूर हो कर उन्हें कुछ भी खिलाने पर जोर देते हैं। फिर भी हर हाल में कुछ फूड्स ऐसे हैं जो कि 5 साल से छोटे बच्चों को देने से बचना चाहिए।

ये किसी न किसी रूप में इतने छोटे बच्चों के लिए नुकसानदायक होते हैं। इसलिए 5 साल से छोटे बच्चों को इन फूड्स को देने से बचें…

चोकिंग हजार्ड का कारण बनने वाले फूड्स

पॉपकॉर्न, साबुत चना, मार्शमैलो, उबले खड़े आलू या शकरकंद जैसे हेल्दी फूड्स भी 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए चोकिंग हजार्ड का कारण बन सकते हैं।

इन्हें सही तरीके से देने के लिए इन्हें फिंगर फूड की तरह सर्व करें या फिर इन्हें मैश कर के बच्चों को दें। इस श्रेणी में च्यूइंग गम जैसे फूड्स भी शामिल हैं, जो स्टिकी होते हैं और चोक करने का कारण बन सकते हैं।

अधिक नमक वाले फूड्स से बचें

अधिक सॉल्टी फूड्स 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की किडनी पर बोझ बढ़ाता है और इन्हें खराब कर सकता है। इसलिए एक साल से कम उम्र के बच्चों को जरा भी नमक न दें और 2 से 5 साल तक के बच्चों को जितना संभव हो कम मात्रा में नमक दें।

फ्रूट जूस की जगह दें फल

5 साल से छोटे उम्र के बच्चों को प्रिजर्वेटिव से भरपूर टेट्रापैक वाले जूस तो कतई न दें। घर में बने जूस की जगह भी खाने के लिए फल दें। ये फाइबर से भरपूर होता है और जूस की तुलना में अधिक फायदेमंद होता है।

एनर्जी ड्रिंक भी ठीक नहीं

तमाम विटामिन और एनर्जी से भरपूर होने का दावा करने वाले एनर्जी ड्रिंक, जिसे अक्सर पेरेंट्स दूध में मिलाकर अपने बच्चों को देते हैं, उनसे दूरी बनाएं। ये एक्स्ट्रा शुगर, प्रिजर्वेटिव और एडिटिव से भरे डिब्बे या पैकेट कहीं से भी पौष्टिक नहीं होते हैं।

साथ ही इस पर अनावश्यक पैसे भी खर्च होते हैं। इसकी जगह मेवा का पाउडर बनाएं और बच्चे को दूध में मिला कर दें।

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