जिंदगी आसान बनाने के नाम पर व्यापार बढ़ाने के लिए कंपनियों द्वारा कुछ ऐप/App बनाये गए हैं जिन्हें शॉपिंग ऐप कहा जाता है. पर सच कहें तो ये मार्केटिंग ऐप्स होती हैं. इन ऐप के जरिये हम घर बैठे आसानी से खरीददारी या शॉपिंग कर सकते हैं और बाजार की भागदौड़ से बच सकते हैं. एक शोध में पाया गया है कि ज्यादा ऑनलाइन शॉपिंग हमें एक मनोरोग की स्थिति में ले जा सकती है और शॉपिंग को आसान बना देने का यह तरीका हमारे मानसिक हेल्थ के लिए घातक साबित हो सकता है.
दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल के पूर्व मनोरोग विशेषज्ञ डॉ पंकज वर्मा बताते हैं कि ऑनलाइन शॉपिंग की लत से बाइंग शॉपिंग डिसऑर्डर (बीएसडी) का खतरा हो सकता है. यह मेंटल हेल्थ की एक अलग तरह की स्थिति है जिससे लोगों में एंजायटी, अवसाद, बेचैनी जैसी बीमारियों के लक्षण नजर आ सकते हैं. जब भी कोई इंसान अकेलापन महसूस करता है या खुद को खुश करना चाहता है तो वह ऑनलाइन शॉपिंग का सहारा लेता है. एक स्वस्थ इंसान एक या दो बार कोई खरीददारी करता है लेकिन बाइंग शॉपिंग डिसऑर्डर की चपेट में आये व्यक्ति के दिमाग में हर समय शॉपिंग का ही ख्याल आता रहता है.
क्या होता है बाइंग शॉपिंग डिसऑर्डर:
डॉ पंकज वर्मा ने बताया कि – Buying Shopping Disorder को मेडिकल भाषा में Compulsive Buying Disorder (CBD) या Oniomania कहा जाता है. यह एक ऐसी मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति बार-बार, अनियंत्रित रूप से और ज़रूरत से ज़्यादा खरीदारी करता है भले ही उस चीज़ की जरूरत न हो, पैसे न हों या बाद में पछताना पड़े. यह शॉपिंग का सिर्फ शौक नहीं, बल्कि एक प्रकार की आदत या लत (addiction) बन जाती है जो व्यक्ति के मानसिक, आर्थिक और सामाजिक जीवन को प्रभावित कर सकती है.
बाइंग शॉपिंग डिसऑर्डर के लक्षण?
बार-बार शॉपिंग वेबसाइट या ऐप चेक करना, बिना ज़रूरत के चीजें खरीदना.
खरीदारी करने के बाद पछतावा या अपराधबोध महसूस होना.
मूड ठीक करने या स्ट्रेस दूर करने के लिए शॉपिंग करना.
क्रेडिट कार्ड या उधार का लगातार दुरुपयोग.
आर्थिक परेशानियों के बावजूद खरीदारी न रोक पाना.
खरीदकर चीजें इस्तेमाल न करना या छुपाकर रखना.
कैसे करें बचाव:
1 साइकोथेरेपी / काउंसलिंग- विशेष रूप से Cognitive Behavioral Therapy (CBT) से सोच और व्यवहार में बदलाव किया जाता है.
2 अपने फ़ोन से सबसे पहले ऑनलाइन शॉपिंग ऐप को खत्म करें. कुछ समय आपको बेचैनी रहेगी लेकिन धीरे-धीरे आप खुद में बदलाव महसूस करेंगे.
3 फ़ोन व कंप्यूटर का समय निश्चित करें. पूरे समय इनके साथ न बने रहें. इससे ध्यान हटाने के लिए किसी और मनपसंद कार्य जैसे चित्रकला, बुक रीडिंग, गार्डनिंग या डांस की तरफ ध्यान लगाएं.
4 परिवार के सदस्यों, दोस्तों के साथ बैठें, खुद को ज्यादा समय के लिए अकेला न रहने दें.
5 अगर आप कुछ शॉपिंग करना भी चाहते हैं तो परिवार के साथ मिलकर सामान के बारे में उनकी राय लेकर शॉपिंग करें. ऐसा करने से आप फिजूल खर्च नहीं करेंगे,जो जरूरत का सामान होगा वही खरीदेंगे.
6 यदि ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं तो उसकी रकम का भुगतान कैश में करें न कि क्रेडिट कार्ड से. ऐसा करने से आपको पता रहेगा कि आपके कितने पैसे खर्च हो गए हैं.