महाकुंभ मेला भारत का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है, जिसमें लाखों लोग शामिल हो रहे हैं. भारत के हर कोने से कुंभ में स्नान के लिए पहुंच रहे हैं. लेकिन, कुंभ में जाने से पहले लोगों के मन में कई सवाल है कि आखिर कुंभ में जाने के लिए पहले से कोई रजिस्ट्रेशन करवाना होगा? अगर वहां जाते हैं तो कितने किलोमीटर पैदल चलना होगा? अगर ट्रेन से जाते हैं तो कहां होटल, कमरा लेना ठीक होगा और रहने की व्यवस्था कैसी होगी? अगर आपके मन में भी ऐसा कोई सवाल है तो हम आपको जवाब दे देते हैं कि आखिर आप कुंभ में किस तरह से स्नान कर सकते हैं?
कब से कब तक रहेगा कुंभ?
कुंभ का आयोजन 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक होगा. इस दौरान 6 शाही स्नान होंगे, जिस दिन भीड़ सामान्य के मुकाबले ज्यादा रहेगी. कुंभ के शाही स्नान की डिटेल इस प्रकार है-
पहला शाही स्नान- 13 जनवरी
दूसरा शाही स्नान- 14 जनवरी 2025 (मकर संक्रांति)
तीसरा शाही स्नान- 29 जनवरी 2025 (मौनी अमावस्या)
चौथा शाही स्नान- 2 फरवरी 2025 (बसंत पंचमी)
पांचवां शाही स्नान- 12 फरवरी 2025 (माघ पूर्णिमा)
आखिरी शाही स्नान- 26 फरवरी 2025 (महाशिवरात्रि)
कितने सेक्टर में बंटा है?
कुंभ मेला क्षेत्र को चार भागों में बांटा गया है, जिसमें फाफामऊ जोन, अरैल, परेड और झूंसी जोन शामिल है. इन जोन में 25 सेक्टर बनाए गए हैं. इन जोन का मतलब है कि जो प्रयागराज में जिस दिशा से एंटर होगा, वो उधर के जोन में शामिल हो सकता है. जो लोग शहर से जा रहे हैं, उन्हें परेड जोन से एंट्री मिलेगी.
क्या करवाना होगा कोई रजिस्ट्रेशन?
अगर आप कुंभ में जा रहे हैं तो आपको वहां स्नान के लिए कोई भी रजिस्ट्रेशन करवाने की जरुरत नहीं है. कई वेबसाइट्स रजिस्ट्रेशन करवाने का ऑप्शन दे रही है, लेकिन आधिकारिक तौर पर ऐसा कुछ नहीं है. आप प्रयागराज जाकर बिना किसी रजिस्ट्रेशन के कुंभ में स्नान कर सकते हैं.
अगर कोई ट्रेन से जा रहा हैं तो कैसे जाएं?
अगर आप ट्रेन से प्रयागराज जाने का प्लान बना रहे हैं तो प्रयागराज के 9 स्टेशन पर ट्रेन के जरिए पहुंच सकते हैं. ऐसे में आप इन 9 स्टेशन के लिए टिकट बुक कर सकते हैं, जिनके स्टेशन कोड के जरिए आप आसानी से टिकट बुक कर सकते हैं.
प्यागराज जंक्शन (PRYJ)
प्रयागराज रामबाग (PRRB)
प्रयागराज संगम (PYG)
प्रयाग जंक्शन (PRJ)
नैनी जंक्शन (NYN)
प्रयागराज छिवकी (PCOI)
फाफामऊ जंक्शन (PFM)
झूँसी (JI)
सूबेदारगंज (SFG)
स्टेशन से कैसे जाना होगा?
स्टेशन से बाहर जाने के बाद आपको संगम तक जाना होगा. इसके लिए रेलवे की ओर से शटल बस भी चलाई गई हैं. इसके साथ ही आप अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट के जरिए भी संगम स्थल तक जा सकते हैं.
बस से कैसे जा सकते हैं?
अगर आप बस के जरिए जाने की सोच रहे हैं तो आपको प्रयागराज बस अड्डा, कचहरी बस अड्डा, झूंसी, सरस्वती द्वार, बेली/बेला कछार, नेहरू पार्क, सरस्वती हाई-टेक सिटी, कुष्ठ बस स्टैंड तक जाना होगा. आप अपना बस स्टैंड अपने शहर से आने वाली गाड़ियों के हिसाब से चुन सकते हैं.
अगर खुद की गाड़ी से जा रहे हैं तो क्या करना होगा?
अगर आप खुद की गाड़ी से जाना चाहते हैं तो आप सीधे संगम क्षेत्र तक जा सकते हैं और पार्किंग स्थल पर गाड़ी खड़ी कर सकते हैं और वहां से संगम के लिए पैदल जा सकते हैं. हर क्षेत्र के लिए पार्किंग की व्यवस्था की गई है, जो संगम क्षेत्र से 4 से 15 किलोमीटर की दूरी तक हैं. आप अपने होटल और पुलिस प्रशासन के इंतजाम के हिसाब से वहां अपनी गाड़ी खड़ी कर सकते हैं. आपको बता दें कि जिस दिन शाही स्नान होगा, उस दिन और उसके आसपास व्यवस्था में बदलाव होगा. जिसमें गाड़ियों को पहले ही रोक दिया जाएगा.
आप ऊपर दी गई तस्वीरों से पार्किंग का हिसाब देख सकते हैं.
कितना पैदल चलना होगा?
अब आपको बताते हैं कि आपको संगम में स्नान के लिए कितना पैदल चलना होगा. दरअसल, कुंभ मेले के दौरान शाही स्नान और आम दिन अलग अलग व्यवस्था रहेगी. शाही स्नान के दिन आपको आम दिन के मुकाबले ज्यादा चलना होगा और ये 10 किलोमीटर तक भी हो सकता है. इसके लिए आम दिन पार्किंग या सार्वजनिक गाड़ियों के स्टैंड से संगम तक जाने के लिए कम चलना होगा, लेकिन फिर भी आपको 4-5 किलोमीटर तो चलना पड़ सकता है.
बता दें कि प्रशासन की ओर से भीड़ कंट्रोल के लिए बदलाव भी किए जा सकते हैं. साथ ही हर जोन के हिसाब से भी चलने की दूरी में कम-ज्यादा हो सकता है. अगर प्रशासन की ओर से शेयर की गई जानकारी के अनुसार, कुछ पार्किंग क्षेत्र संगम क्षेत्र से 2 किलोमीटर पर भी हैं, जो झूंसी क्षेत्र में है. इसके अलावा कुछ पार्किंग 16 किलोमीटर दूर है. झूंसी जोन में पार्किंग घाट से ज्यादा नजदीक है.
अगर कोई फ्लाइट से जा रहा है तो क्या करना होगा?
प्रयागराज हवाई अड्डा शहर से 13 किलोमीटर की दूरी पर बमरौली में है. यहां से आने के बाद आपको सामान्य सड़क मार्ग का चयन करना होगा.
क्या कुंभ जाने के लिए टेंट बुक करना ही जरूरी है?
ऐसा जरूरी नहीं है कि आपको टेंट में ही रुकना है. दरअसल, संगम क्षेत्र के करीब टेंट सिटी बसाई गई है, जहां आप टेंट में रह सकते हैं. इसका फायदा ये है कि आप संगम के करीब रह सकते हैं और यहां से पर्यटकों को धार्मिक अनुष्ठानों, पवित्र स्नान और आध्यात्मिक आयोजनों तक आसानी से पहुंच मिलती है. आप टेंट सिटी के बाहर होटल, धर्मशाला, होमस्टे आदि में भी रह सकते हैं. अगर टेंट बुक करना चाहते हैं तो आप UPSTDC की आधिकारिक वेबसाइट से बुकिंग कर सकते हैं. इनकी रेट अलग अलग टेंट के हिसाब से अलग अलग है.
और क्या किया जा सकता है?
प्रयागराज में आप स्नान के अलावा अखाड़ों के रहने की जगह घूम सकते हैं और जहां अघोरी रुके हैं, वहां का टूर कर सकते हैं. इसके लिए भी यूपी टूरिज्म की ओर से अलग-अलग प्लान बनाए गए हैं. आप 2000 रुपये, 3000 आदि के प्लान में घूम सकते हैं.