7 मरीजों की मौत के आरोपी डॉक्टर को घबराहट : ब्लड प्रेशर बढ़ा, दमोह जिला अस्पताल लेकर पहुंची पुलिस, आज खत्म हो रही रिमांड

दमोह के मिशन अस्पताल में 7 मरीजों की मौत के आरोपी डॉ. नरेंद्र यादव उर्फ एन जॉन केम की गुरुवार रात को तबीयत बिगड़ गई. रात करीब 11 बजे उसे उल्टियां और घबराहट होने पर पुलिस जिला अस्पताल ले गई.

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जिला अस्पताल के ड्यूटी डॉक्टर मधुर चौधरी ने आरोपी का चेकअप किया. उसका ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ पाया गया. डॉक्टर ने इंजेक्शन देकर आधे घंटे तक ऑब्जर्वेशन पर रखा. दोबारा चेकअप में स्थिति सामान्य पाए जाने पर डिस्चार्ज कर दिया गया. डॉक्टरों के मुताबिक, आरोपी की ब्लड प्रेशर की दवा चल रही है. अन्य कोई बीमारी की जानकारी नहीं है.

 

रिमांड पूरी, आज कोर्ट में पेश करेगी SIT

रिमांड पूरी होने के बाद पुलिस ने आरोपी एन जॉन केम को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया था. न्यायालय ने एक दिन की रिमांड और बढ़ाई थी. आज शुक्रवार को रिमांड पूरी होने पर पुलिस उसे फिर कोर्ट में पेश करेगी.

7 मौतें लेकिन CMHO 5, आयोग 7 मौतें बता रहा फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नरेंद्र जॉन केम उर्फ नरेंद्र यादव द्वारा इलाज के दौरान हुई सात मौतों की जांच रिपोर्ट अब तक जबलपुर मेडिकल कॉलेज से नहीं आई है. जबकि जांच टीम को दस्तावेज लेकर गए 11 दिन हो चुके हैं.

इससे अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि इन मौतों के लिए डॉक्टर जिम्मेदार था या नहीं? हैरानी की बात है कि सीएमएचओ मुकेश जैन भी मौत के आंकड़े स्पष्ट नहीं बता पा रहे हैं.  वे कभी 5 तो कभी 3 से 4 मौतें बता रहे हैं.

जबकि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अपनी जांच में 7 पीड़ित परिवारों के बयान लिए हैं. 7 मौतों की पुष्टि कॉलेज की जांच टीम ने भी की है, लेकिन अभी रिपोर्ट नहीं भेजी है. दमोह कलेक्टर को अब तक जांच रिपोर्ट का इंतजार इधर, दमोह कलेक्टर मेडिकल कॉलेज जबलपुर से आने वाली रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. कलेक्टर सुधीर कोचर ने 2 मार्च को इस मामले की प्राथमिक जांच के लिए तीन सदस्यीय सीएमएचओ डॉ. मुकेश जैन डॉ. विक्रांत चौहान, विशाल शुक्ला की टीम बनाकर जांच के आदेश दिए थे.

 

10 अप्रैल को मिशन अस्पताल की कैथ लैब सील हुई स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की टीम ने 10 अप्रैल को मिशन अस्पताल की कैथ लैब को सील कर दिया था. ये डॉक्टर ऐन केम जॉन की कारगुजारी सामने आने के बाद मिशन अस्पताल पर पहली बड़ी कार्रवाई थी.

इसके बाद 14 अप्रैल की देर रात अस्पताल प्रबंधन समिति के 9 लोगों के खिलाफ अवैध कैथ लैब चलाने का केस दर्ज किया गया. ये कार्रवाई जबलपुर के डॉक्टर अखिलेश दुबे की शिकायत पर की गई.

उन्होंने सीएमएचओ डॉ. मुकेश जैन से शिकायत की थी कि उनके नाम का दुरुपयोग कर फर्जी रजिस्ट्रेशन से कैथ लैब चलाई जा रही है। डॉक्टर दुबे ने ऑनलाइन दस्तावेजों में अपने फर्जी हस्ताक्षर पाए.सीएमएचओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की.

 

जानिए कैसे हुआ मिशन अस्पताल के डॉक्टर का पर्दाफाश?

फर्जी डिग्रियों के आधार पर प्रैक्टिस करने का आरोप दमोह के मिशन अस्पताल में हार्ट सर्जरी के बाद सात मरीजों की मौत का दावा किया गया. इनका इलाज डॉक्टर नरेंद्र जॉन केम ने किया था, जिस पर फर्जी डिग्रियों के आधार पर प्रैक्टिस करने का आरोप है.

इसके बाद डॉक्टर नरेंद्र जॉन केम को पुलिस ने 7 अप्रैल को यूपी के प्रयागराज से गिरफ्तार कर लिया गया. फिलहाल आरोपी 17 अप्रैल तक पुलिस की रिमांड पर है. एसआईटी उसके अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन की पड़ताल कर रही है.

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